तेजस्वी का बड़ा दावा! नीतीश और चंद्रबाबू के लिए लाया गया काला कानून
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संसद में गंभीर आपराधिक मामलों में फंसे प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्रियों को उनके पद से हटाने संबंधी प्रस्तावित विधेयक पर राजनीति गरमा गई है.

राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इस विधेयक को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि यह कानून लोकतंत्र को कमजोर करने की एक साजिश है.

तेजस्वी यादव ने कहा कि इस कानून का इस्तेमाल राजनीतिक विरोधियों को डराने-धमकाने के लिए किया जाएगा.

तेजस्वी यादव ने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए कहा, यह कानून लाकर जनता को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है. यह ब्लैकमेल करने का एक नया तरीका है.

उन्होंने कहा कि जिन नेताओं को कमजोर करना है, जिनसे डराना है, उन्हें इस कानून के ज़रिए निशाना बनाया जाएगा.

तेजस्वी ने आरोप लगाया कि इस कानून का सीधा मकसद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू जैसे नेताओं पर दबाव बनाना है.

राजद नेता ने कहा कि पहले भी कई ऐसे उदाहरण सामने आए हैं, जब विपक्षी नेताओं को जेल भेजा गया लेकिन अदालत से वे बरी हो गए.

तेजस्वी ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा कि इन नेताओं को जेल में रखा गया, लेकिन बाद में न्यायपालिका ने उन्हें राहत दी.

तेजस्वी यादव का मानना है कि लोकतंत्र में जनता सबसे ऊपर है और किसी भी चुने हुए नेता को पद से हटाने का अधिकार केवल जनता के पास होना चाहिए.

उन्होंने कहा कि सरकार अगर सच में आपराधिक छवि वाले नेताओं के खिलाफ ईमानदार है, तो सबसे पहले अपने दल के उन नेताओं पर कार्रवाई करे जिन पर गंभीर मुकदमे दर्ज हैं.

राजद नेता ने सवाल उठाया कि जब तक अदालत में किसी का अपराध साबित नहीं हो जाता, तब तक उसे अपराधी नहीं माना जा सकता.

उन्होंने कहा कि केवल आरोप के आधार पर किसी मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री या मंत्री को पद से हटाना लोकतांत्रिक व्यवस्था पर हमला होगा.

तेजस्वी ने चेतावनी दी कि अगर यह कानून पास हुआ, तो इसका दुरुपयोग कर विपक्षी दलों की आवाज दबाने और लोकतंत्र को कमजोर करने का काम होगा.

तेजस्वी यादव ने कहा, हम इस बिल का विरोध करेंगे और जनता को भी बताएंगे कि यह लोकतंत्र की हत्या की ओर उठाया गया एक कदम है.

विपक्ष ने इसे सरकार का राजनीतिक हथियार बताते हुए संसद से लेकर सड़क तक कड़ा विरोध करने का ऐलान किया है. इससे आने वाले दिनों में इस विधेयक को लेकर बिहार और राष्ट्रीय राजनीति में और भी गरमाहट देखने को मिलेगी.

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