बिहार बाढ़: 12 जिलों के पीड़ित परिवारों को 456 करोड़ की राहत, CM नीतीश ने किया भुगतान शुरू
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में बाढ़ से प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत पहुंचाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प से 2025 में बाढ़ से त्रस्त परिवारों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से सीधे उनके बैंक खातों में 7000 रुपये की राशि भेजी। यह राशि प्रति परिवार के हिसाब से आनुग्रहिक राहत (Gratuitous Relief GR) के तौर पर प्रदान की गई है।

आज, बिहार के 12 जिलों के 6 लाख 51 हजार 602 प्रभावित परिवारों को 7000 रुपये प्रति परिवार की दर से कुल 456 करोड़ 12 लाख रुपये का भुगतान किया गया।

राहत राशि ट्रांसफर कार्यक्रम के दौरान विकास आयुक्त सह आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव ने जानकारी दी कि अगस्त माह में गंगा नदी के जलस्तर में अत्यधिक वृद्धि के कारण गंगा के किनारे स्थित 11 जिलों, यथा भोजपुर, पटना, सारण, वैशाली, समस्तीपुर, बेगूसराय, लखीसराय, मुंगेर, खगड़िया, भागलपुर एवं कटिहार में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। इसके अतिरिक्त, नालंदा जिला के 4 प्रखण्डों के 8 पंचायतों में भी बाढ़ आई थी।

इस प्रकार कुल 12 जिलों के 66 प्रखण्डों में लगभग 38 लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है। बाढ़ के दौरान अब तक 2.19 लाख पॉलीथीन शीट्स तथा 57 हजार 639 ड्राई राशन पैकेट वितरित किए गए हैं। 14 बाढ़ राहत शिविर चलाए जा रहे हैं, जिसमें लगभग 15 हजार लोग रह रहे हैं। सामुदायिक रसोई केंद्रों में अब तक लगभग 85 लाख लोग भोजन कर चुके हैं। शिविरों में मानव एवं पशु चिकित्सा के लिए भी सभी इंतजाम किए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने 13 अगस्त को बाढ़ प्रभावित जिलों के साथ समीक्षा बैठक की थी और 14 अगस्त को पटना, वैशाली, बेगूसराय एवं मुंगेर जिलों के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लिया था। उन्होंने अधिकारियों को बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चलाने का निदेश दिया था। साथ ही, 20 अगस्त 2025 तक बाढ़ प्रभावित परिवारों को आनुग्रहिक राहत (Gratuitous Relief- GR) की राशि का भुगतान शुरू करने का भी निदेश दिया था।

सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि उन्हें खुशी है कि आज 12 जिलों के 6 लाख 51 हजार 602 प्रभावित परिवारों को 7000 रुपये प्रति परिवार की दर से 456 करोड़ 12 लाख रुपये का भुगतान किया गया है। उन्होंने अधिकारियों को सतर्क रहने की सलाह दी, क्योंकि सितंबर महीने में भी भारी वर्षा और नदियों के जलस्तर में वृद्धि की संभावना बनी रहती है, जिससे बाढ़ जैसी स्थिति आ सकती है। उन्होंने कहा कि बाढ़ जैसी स्थिति आने पर पीड़ित लोगों की पूरी संवेदनशीलता के साथ मदद की जाए। उन्होंने दोहराया कि राज्य के खजाने पर आपदा पीड़ितों का पहला अधिकार है।

कार्यक्रम में आपदा प्रबंधन मंत्री विजय कुमार मंडल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा, विकास आयुक्त सह आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ, जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल, कृषि विभाग के प्रधान सचिव पंकज कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबंधित जिलों के जिलाधिकारी जुड़े हुए थे।

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