जब सड़क खामोश, सदन आवारा: उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार ने लोहिया को किया याद
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विपक्षी गठबंधन इंडिया के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी ने बुधवार को गठबंधन के सदस्यों से संसद के सेंट्रल हॉल में संवाद किया।

इस दौरान उन्होंने समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया का जिक्र करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सराहना की। रेड्डी ने कहा कि राहुल गांधी लगातार लोगों की आवाज उठाते रहते हैं। यह उनका स्वभाव बन गया है और वे लगातार चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।

उन्होंने तेलंगाना सरकार को जाति जनगणना कराने के लिए राजी करने में राहुल गांधी की भूमिका को रेखांकित किया। रेड्डी ने कहा, मुझे लोहिया जी की एक बात याद आती है, जब सड़क खामोश होती है, सदन आवारा होता है। राहुल गांधी सड़कों को खामोश नहीं रहने देते। यह उनका स्वभाव बन गया है और चुनौतियों का सामना करना उनकी यात्रा का हिस्सा है।

न्यायाधीश रेड्डी ने तेलंगाना में जाति जनगणना के संबंध में कहा कि जब उन्होंने रिपोर्ट पेश की, तो उन्होंने महसूस किया कि यह मौजूदा सत्ताधारी व्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती होगी, और वे सही साबित हुए। उन्होंने कहा कि अब यह देखना होगा कि यह काम कितनी गहराई और गंभीरता से होता है, या सिर्फ दिखावा किया जाता है। यदि सरकार वास्तव में गंभीर है, तो उन्हें सलाह देने की आवश्यकता नहीं होगी।

रेड्डी ने अपने राजनीतिक जीवन के बारे में बताते हुए कहा कि एक सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश ने उनसे पूछा था कि वे इस राजनीतिक पचड़े में क्यों पड़ रहे हैं। उन्होंने जवाब दिया कि उनकी यात्रा 1971 में एक वकील के रूप में शुरू हुई थी और यह आज भी जारी है। वर्तमान चुनौती भी उसी यात्रा का हिस्सा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत के उपराष्ट्रपति का पद राजनीतिक नहीं है, बल्कि यह संविधान से जुड़ी जिम्मेदारी है।

बिहार में एसआईआर के मुद्दे पर रेड्डी ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार एक गंभीर चुनौती का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा कि बिहार के सामने जो संकट है, उससे बड़ा संविधान और लोकतंत्र के लिए कोई खतरा नहीं हो सकता। वोट देना आम आदमी का सबसे बड़ा हथियार है और यदि वोट देने का अधिकार छीन लिया जाए, तो लोकतंत्र का असली मतलब ही खत्म हो जाएगा।

विपक्षी गठबंधन इंडिया ने उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए बी. सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाया है। उनके नामांकन पत्र पर सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, तिरुचि शिवा, राम गोपाल यादव समेत 80 सांसदों ने प्रस्तावक के रूप में हस्ताक्षर किए हैं।

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