वांग यी ने की पीएम मोदी से मुलाकात, SCO बैठक का बेसब्री से इंतजार
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को नई दिल्ली में चीन के विदेश मंत्री वांग यी से उनके आवास पर मुलाकात की। यह मुलाकात, वांग यी की राजधानी में कई उच्च-स्तरीय वार्ताओं के बाद हुई। दोनों देश एशियाई दिग्गजों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर और मजबूत करने की दिशा में काम कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री के साथ यह बैठक, वांग यी की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ दिन में हुई उच्च स्तरीय वार्ताओं के बाद हुई। वांग यी की भारत यात्रा शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री मोदी की चीन यात्रा से कुछ दिन पहले हुई है।

चीन के विदेश मंत्री से मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि उन्हें वांग यी से मिलकर खुशी हुई। उन्होंने कहा कि पिछले साल कज़ान में राष्ट्रपति शी जिनपिंग से उनकी मुलाकात के बाद से, भारत-चीन संबंधों में एक-दूसरे के हितों और संवेदनशीलता के सम्मान के साथ लगातार प्रगति हुई है। उन्होंने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान तियानजिन में होने वाली अपनी अगली मुलाकात का बेसब्री से इंतजार करने की बात भी कही।

मोदी ने जोर देकर कहा कि भारत और चीन के बीच स्थिर, विश्वसनीय और रचनात्मक संबंध क्षेत्रीय और वैश्विक शांति एवं समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।

विशेष प्रतिनिधि (SR) मकैनिज्म के ढांचे के तहत हुई वार्ता के दौरान, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कहा कि पिछले नौ महीनों में भारत-चीन संबंधों में उन्नति हुई है, क्योंकि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर शांति और सौहार्द कायम है। यह 2020 के गलवान घाटी संघर्ष से शुरू हुए गंभीर तनाव को दूर करने के लिए दोनों देशों द्वारा किए जा रहे प्रयासों का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि सीमाएं शांत हैं और द्विपक्षीय संबंध और मजबूत हुए हैं।

डोभाल ने यह भी घोषणा की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 अगस्त और 1 सितंबर को तियानजिन में एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन जाएंगे।

चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि दोनों पक्षों को स्ट्रैटेजिक बातचीत के जरिए आपसी यकीन बढ़ाना चाहिए और सहयोग के साथ साझा हितों का विस्तार करना चाहिए। उन्होंने सीमा पर स्थिरता बहाल होने पर खुशी जताई। वांग यी ने एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री की चीन यात्रा को बहुत महत्व दिया।

सोमवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष को बताया कि भारत-चीन संबंधों को आपसी सम्मान, आपसी संवेदनशीलता और आपसी हितों से निर्देशित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि संबंधों में एक कठिन दौर देखने के बाद, अब दोनों राष्ट्र आगे बढ़ना चाहते हैं, जिसके लिए एक स्पष्ट और रचनात्मक नजरिए की जरूरत है।

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