हिमाचल प्रदेश में कुदरत का कहर बरपा है। बादल फटने और अचानक बाढ़ (फ्लैश फ्लड) आने से शिमला और लाहौल एवं स्पीति जिलों में हाहाकार मच गया है। कई पुल बह गए हैं, दो राष्ट्रीय राजमार्गों समेत 325 से अधिक सड़कें यातायात के लिए बंद हो गई हैं।
गानवी घाटी में आई बाढ़ में एक पुलिस चौकी बह गई। शिमला जिले में भारी बारिश के कारण एक बस स्टैंड और आसपास की दुकानें क्षतिग्रस्त हो गईं। दो पुल बह जाने से कूट और क्याव पंचायतों का संपर्क पूरी तरह से कट गया है। हालांकि, राहत की बात यह है कि अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
लाहौल और स्पीति जिले की मयाड घाटी के करपट, चांगुत और उदगोस नाला में बादल फटने से अचानक आई बाढ़ के कारण दो और पुल बह गए। करपट गांव पर खतरा मंडरा रहा है, जिसके चलते वहां के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। नदी किनारे रहने वाले लोगों को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा गया है। स्थानीय लोगों के अनुसार करीब दस बीघा कृषि भूमि पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। जिला प्रशासन राहत कार्य में जुटा हुआ है।
शिमला के रामपुर में दो जगहों पर बादल फटने की खबर है। गानवी और श्रीखंड बागीपुल इलाके में कई घरों के बह जाने की सूचना है। सरकारी दफ्तर, बिजली बोर्ड और पुलिस चौकी खतरे में हैं। रामपुर बुशहर के 15/20 इलाके में बादल फटने से गानवी खड़ में भारी बाढ़ आ गई, जिसके कारण गानवी बाजार और बस स्टैंड में पानी भर गया है। बाजार को खाली करा लिया गया है। प्रशासन ने लोगों से अफवाहों से बचने और निर्देशों का पालन करने की अपील की है।
शिमला जिले में रामपुर के नंटी में बादल फटने की खबर है। कुल्लू ज़िले के कुर्पन खड्ड (जाओं) में भी बाढ़ की खबर है। स्थानीय प्रशासन ने लोगों को कुर्पन खड्ड और बागीपुल-निरमंड के आसपास के इलाकों से दूर रहने की सलाह दी है। किन्नौर के पूह पंचायत के होजो नाला में बादल फटने से बाढ़ जैसे हालात बन गए। नदी-नालों में पानी रौद्र रूप ले चुका है। पूह से रामपुर तक सतलुज से लगने वाले गांव के लोगों से अलर्ट रहने की अपील की गई है।
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण दो राष्ट्रीय राजमार्गों सहित कुल 325 सड़कें यातायात के लिए बंद करनी पड़ी है। इसमें 179 सड़कें मंडी जिले में और 71 कुल्लू जिले की हैं। अधिकारियों ने बताया कि टॉलैंड के निकट सर्कुलर (कार्ट रोड) पर एक पेड़ गिर जाने के कारण स्कूल जाने वाले बच्चों और कार्यालय जाने वाले लोगों को असुविधा हुई।
मौसम विभाग ने गुरुवार को चंबा, कांगड़ा और मंडी में भारी बारिश की संभावना के मद्देनजर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। शुक्रवार से रविवार तक के लिए चार से छह जिलों के अलग-अलग क्षेत्रों में भारी बारिश की संभावना जताते हुए येलो अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम विभाग के मुताबिक, बलद्वाड़ा में 31 मिमी बारिश हुई। कसौली में 23 मिमी, नैनी देवी में 18.2 मिमी, सराहन में 15 मिमी, बग्गी में 14.6 मिमी, करसोग में 13.2 मिमी, बजौरा में 10.5 मिमी और जोत में 10 मिमी बारिश दर्ज की गई।
अधिकारियों ने बताया कि 20 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से अब तक राज्य को 2031 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। बारिश से जुड़ी विभिन्न घटनाओं में 126 लोगों की मौत हो गई है जबकि 36 अब भी लापता हैं। हिमाचल प्रदेश में इस साल मानसून के दौरान अचानक बाढ़ की 63, बादल फटने की 31 और बड़े भूस्खलन की 57 घटनाएं दर्ज की गई हैं।
*धराली की तरह हिमाचल प्रदेश में बाढ़!
— NDTV India (@ndtvindia) August 13, 2025
धराली की तरह ही हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति की मयाड़ वेली के करपट नाले में आई बाढ़, अभी तक किसी भी जनहानि समाचार नहीं#Dharali | #HimachalPradesh pic.twitter.com/dObNh7Jzyv
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