नई दिल्ली/ढाका: भारत और बांग्लादेश के संबंधों में आई कुछ खटास के बीच, बकरीद के मौके पर एक छोटी सी पहल उम्मीद की किरण लेकर आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश के प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस को पत्र लिखकर ईद की शुभकामनाएं दीं।
पीएम मोदी ने अपने पत्र में ईद-उल-अजहा के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व पर जोर दिया। उन्होंने इसे भारत की विविध संस्कृति का प्रतीक बताया।
इस पत्र का जवाब भी आया, जो आपसी रिश्तों को लेकर सकारात्मक संदेश देता है और दोनों देशों के बीच संवाद के नए संकेत देता है। बकरीद जैसे पवित्र अवसर पर दोनों देशों के नेताओं का यह संवाद दर्शाता है कि कूटनीतिक मतभेदों के बीच भी मानवीय रिश्ते और सांस्कृतिक संबंध जीवित रहते हैं।
पीएम मोदी और मोहम्मद यूनुस के बीच हुए इस विनम्र पत्राचार ने साफ किया कि साझा संस्कृति, परंपराएं और धार्मिक मूल्यों के जरिए भी रिश्तों को सुधारा जा सकता है। यह घटना दिखाती है कि संवाद का एक ईमानदार प्रयास, बड़े राजनीतिक मतभेदों के बीच भी भरोसे की नींव रख सकता है।
4 जून को भेजे गए पत्र में पीएम मोदी ने बांग्लादेश के लोगों को बकरीद की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने लिखा कि यह त्योहार त्याग, करुणा और भाईचारे का प्रतीक है। उन्होंने इस मौके को भारत की विविधता और सांस्कृतिक समृद्धि से जोड़ा और कहा कि यह पर्व उन मूल्यों को जीवंत करता है जो शांति और समावेश की ओर ले जाते हैं।
6 जून को आए जवाब में बांग्लादेश के प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस ने पीएम मोदी को धन्यवाद दिया। उन्होंने बकरीद को एक ऐसा समय बताया जो समुदायों को जोड़ता है और मानवता की भलाई के लिए एकजुट होकर कार्य करने की प्रेरणा देता है। उन्होंने भारत-बांग्लादेश के बीच आपसी सम्मान और सहयोग की भावना को दोहराया और भविष्य में मिलकर काम करने की उम्मीद जताई।
— Chief Adviser of the Government of Bangladesh (@ChiefAdviserGoB) June 8, 2025
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