जम्मू-कश्मीर में बना चिनाब ब्रिज दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज है, जिसका उद्घाटन हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। यह ब्रिज उद्धमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लिंक (USBRL) का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस प्रोजेक्ट में प्रोफेसर जी. माधवी लता का योगदान अविस्मरणीय है।
प्रोफेसर माधवी लता ने चिनाब ब्रिज की डिजाइन, प्लानिंग और कंस्ट्रक्शन में पूरे 17 साल लगाए। उन्होंने ब्रिज बनाने वाली कंपनी Afcons के साथ मिलकर काम किया और चुनौतीपूर्ण इलाके में ब्रिज के निर्माण को संभव बनाया।
प्रोफेसर लता बेंगलुरु के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc) में जियोटेक्निकल सलाहकार हैं। उन्होंने उस मुश्किल इलाके की चुनौतियों को समझा और उनके हल निकाले, जहां यह ब्रिज बनाया गया है।
1992 में जवाहरलाल नेहरू टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से सिविल इंजीनियरिंग में बी.टेक करने के बाद, उन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, वारंगल से जियोटेक्निकल इंजीनियरिंग में एम.टेक किया और गोल्ड मेडल जीता। इसके बाद IIT-मद्रास से पीएचडी पूरी की।
अपनी मेहनत और काबिलियत के कारण उन्हें कई पुरस्कार मिले हैं, जिनमें 2021 में इंडियन जियोटेक्निकल सोसाइटी द्वारा दिया गया बेस्ट वुमन जियोटेक्निकल रिसर्चर अवॉर्ड और 2022 में भारत की टॉप 75 वुमन इन STEAM में शामिल होना शामिल हैं।
चिनाब ब्रिज कश्मीर घाटी में रेल कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा। यह ब्रिज 359 मीटर ऊंचा है, जो पेरिस के एफिल टावर से 35 मीटर ज्यादा है। इसके निर्माण में 1,486 करोड़ रुपये की लागत आई।
प्रोफेसर लता की टीम ने डिजाइन-एज-यू-गो तरीका अपनाया, जिसका मतलब था कि जैसे-जैसे काम आगे बढ़ा, वैसे-वैसे डिजाइन में बदलाव किए गए। इलाके में टूटी-फूटी चट्टानें और छिपी हुई गुफाएं थीं, जिनकी वजह से डिजाइन में बदलाव जरूरी थे।
उन्होंने रॉक एंकर्स की डिजाइन और उनकी सही जगह तय करने में अहम सलाह दी, जिससे ब्रिज की मजबूती कायम रही। हाल ही में, उन्होंने इंडियन जियोटेक्निकल जर्नल में एक पेपर छापा, जिसका नाम है डिजाइन एज यू गो: द केस स्टडी ऑफ चिनाब रेलवे ब्रिज।
*We are proud of Prof Madhavi Latha & her team s contribution to the #ChenabBridge inaugurated by Hon ble PM Narendra Modi🎉
— IISc Bangalore (@iiscbangalore) June 6, 2025
The team worked on stability of slopes, design & construction of foundations, design of slope stabilisation systems incl. rock anchors to withstand hazards. pic.twitter.com/BApCSJTRZX
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