अब भारत दूसरे द्वीपों पर भी मिसाइल दागने में सक्षम, अंडमान में परीक्षण!
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भारत अब और भी घातक मिसाइल हमले करने में सक्षम हो गया है. अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 23 और 24 मई, 2025 को एक महत्वपूर्ण मिसाइल परीक्षण किया गया. इसके चलते उस क्षेत्र का हवाई क्षेत्र बंद कर दिया गया था.

बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर के ऊपर, एक नोटिस टू एयरमेन (NOTAM) के तहत किसी भी विमान को उड़ान भरने की अनुमति नहीं थी. यह परीक्षण सुबह 7 बजे से 10 बजे तक, दोनों दिन चला.

एक अधिकारी ने बताया कि उच्च ऊंचाई वाले हथियार परीक्षण को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है. उन्होंने आगे बताया कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में यह एक नियमित अभ्यास है, क्योंकि पहले भी इसी तरह के परीक्षण किए गए हैं.

NOTAM, एक कानूनी सूचना है, जो विमानों को किसी विशेष क्षेत्र में उड़ान न भरने की चेतावनी देती है. यह तब जारी किया जाता है, जब उस इलाके में कोई बड़ा सैन्य अभ्यास, मिसाइल टेस्ट या दूसरी गतिविधि होनी होती है.

विशेषज्ञों का मानना है कि भारत इस दौरान मिसाइल परीक्षण कर रहा है. जनवरी 2025 में, भारत ने यहां ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण किया था.

ब्रह्मोस एक बहुत तेज और सटीक मिसाइल है, जो जमीन, समुद्र और हवा से लॉन्च की जा सकती है. इसकी रेंज अब 450 से 900 किलोमीटर तक है. संभावना है कि इस बार भी ब्रह्मोस का ही कोई नया वर्जन टेस्ट किया जा रहा है.

भारत ने 7 मई, 2025 को ऑपरेशन सिंदूर चलाया था, जिसमें भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर हमला किया था. इस ऑपरेशन में ब्रह्मोस मिसाइल का इस्तेमाल किया गया था.

अंडमान में मिसाइल परीक्षण को एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है. यह टेस्ट भारत की सैन्य ताकत को दिखाने और दुश्मनों को चेतावनी देने का तरीका हो सकता है.

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह भारत के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे हिन्द महासागर में मलक्का स्ट्रेट के पास हैं, जो एक अहम समुद्री रास्ता है. यहां से भारत अपनी मिसाइलों का टेस्ट आसानी से कर सकता है.

अगर इस बार ब्रह्मोस का टेस्ट हो रहा है, तो यह भारत की ताकत को और बढ़ाएगा. ब्रह्मोस ध्वनि से 3 गुना तेज उड़ती है, इसकी रेंज 450 से 900 किलोमीटर तक है, और यह बिल्कुल सही निशाने पर हमला करती है. इसे जहाज, हवाई जहाज या जमीन से लॉन्च किया जा सकता है.

यह टेस्ट भारत की सैन्य ताकत को दिखाता है. हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन और पाकिस्तान जैसे देशों की हरकतों को देखते हुए भारत अपनी ताकत बढ़ा रहा है. यह टेस्ट भारत की तकनीक और सेना की तैयारी को भी परखेगा, और साथ ही दुश्मनों को चेतावनी देगा कि भारत किसी भी खतरे का जवाब देने के लिए तैयार है.

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