1965 के बाद ब्रिटेन ने मॉरीशस को सौंपा चागोस द्वीप, सुरक्षा का हवाला!
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ब्रिटेन ने गुरुवार को विवादित चागोस द्वीप समूह की संप्रभुता मॉरीशस को सौंपने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए. सरकार का कहना है कि यह कदम अमेरिका-ब्रिटिश सैन्य अड्डे के भविष्य को सुनिश्चित करता है, जो ब्रिटेन की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है.

ब्रिटेन की एक अदालत ने पहले विवादित चागोस द्वीप समूह को मॉरीशस को सौंपने पर ब्रिटिश सरकार द्वारा लगाई गई रोक हटा दी थी.

दोनों देशों के नेताओं के समझौते पर हस्ताक्षर किये जाने से कुछ घंटे पहले, हाईकोर्ट के एक जज ने हस्तांतरण पर रोक लगाने के लिए एक अस्थायी आदेश जारी किया था. हालांकि सुनवाई के बाद न्यायाधीश ने कहा कि रोक हटा दी जानी चाहिए.

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री स्टार्मर ने सोशल मीडिया पर लिखा कि उन्होंने डिएगो गार्सिया पर संयुक्त यूके-यूएस बेस को सुरक्षित करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. यह बेस ब्रिटिश लोगों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है.

उन्होंने कहा कि यह समझौता आने वाले कई वर्षों तक हमारे देश की सुरक्षा करने का एकमात्र तरीका है. उन्होंने यह भी कहा कि वे हमेशा अपने देश के राष्ट्रीय हित में काम करेंगे.

ब्रिटेन ने हिंद महासागर के इस द्वीपसमूह को मॉरीशस को सौंपने पर सहमति जताई है. यहां सबसे बड़े द्वीप डिएगो गार्सिया पर रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण नौसैनिक और बमवर्षक विमान अड्डा है.

समझौते के अनुसार, ब्रिटेन कम से कम 99 वर्षों के लिए इस अड्डे को एक बार फिर पट्टे पर ले सकेगा.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन से इस संबंध में परामर्श लिया गया था और उसने अपनी स्वीकृति दे दी, लेकिन लागत को लेकर अंतिम क्षणों में बातचीत के बाद समझौते को अंतिम रूप देने में देरी हुई.

प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर ने कहा है कि उन्होंने चागोस द्वीप समूह की संप्रभुता मॉरीशस को सौंपने वाले समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि यह समझौता उस अड्डे के भविष्य को सुरक्षित करता है जो हमारे देश में सुरक्षा की नींव पर है.

समझौते पर गुरुवार की सुबह एक ऑनलाइन समारोह में स्टॉर्मर और मॉरीशस के नेता नवीन रामगुलाम द्वारा हस्ताक्षर किए जाने थे. लेकिन हस्ताक्षर करने में कई घंटों की देरी हुई क्योंकि ब्रिटेन के एक न्यायाधीश ने दो चागोस के कार्यकर्ताओं की अपील पर अंतिम समय में इस हस्तांतरण को रोकने के लिए निषेधाज्ञा लगा दी थी. बाद में दूसरे न्यायाधीश द्वारा निषेधाज्ञा हटा ली गई.

चागोस द्वीपसमूह, ब्रिटिश साम्राज्य के अंतिम अवशेषों में से एक, 1814 से ब्रिटेन के नियंत्रण में रहा है. ब्रिटेन ने 1965 में मॉरीशस से इस द्वीपसमूह को अलग कर दिया था. मॉरीशस को इसके तीन साल बाद स्वतंत्रता मिली.

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