ऑपरेशन सिंदूर का अंतरराष्ट्रीयकरण? शिवसेना का हमला!
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ऑपरेशन सिंदूर पर बनाए गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को लेकर शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर राजनीति करने का आरोप लगाया है। राउत ने कहा कि बीजेपी विपक्ष का समर्थन भी चाहती है और उसे विभाजित भी करना चाहती है, जो गलत है।

राउत ने कहा कि इस प्रकार का प्रतिनिधिमंडल भेजने की आवश्यकता नहीं थी। विपक्ष ने कश्मीर और ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी, जिसके बाद ही प्रतिनिधिमंडल को भेजा जाना चाहिए था। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अपनी पसंद के सांसदों को चुनकर भेज रही है। शिवसेना के नौ सदस्य हैं, लेकिन उनसे इस बारे में कोई राय नहीं ली गई।

संजय राउत ने सवाल उठाया कि क्या यह सब नौटंकी चल रही है? उन्होंने कहा कि टीएमसी के 35 और समाजवादी पार्टी के 40 सदस्य हैं, जबकि लालू प्रसाद के भी लगभग पांच सदस्य हैं। यदि यह सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल है, तो सभी को शामिल किया जाना चाहिए था।

राउत ने आगे कहा कि उनकी दूसरी मांग यह थी कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को कश्मीर लेकर जाना चाहिए। सरकार ये दोनों मांगें पूरी नहीं कर रही है। उन्होंने पूछा कि प्रतिनिधिमंडल विदेश जाकर क्या करेगा? क्या सरकार इस मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करना चाहती है? उन्होंने इजराइल और गाजा युद्ध का उदाहरण देते हुए कहा कि पीएम पुतिन ने हमारे यहां प्रतिनिधिमंडल नहीं भेजा है।

सुप्रिया सुले पर टिप्पणी करते हुए राउत ने कहा कि यह एक पर्यटन कार्यक्रम चल रहा है। ऑपरेशन सिंदूर और आतंकवाद के नाम पर ट्रेवल्स कंपनी खोल दी गई है। उन्होंने कहा कि अभी इसकी जरूरत नहीं है, हमारी दो मांगें हैं।

राउत ने कहा कि सरकार के नेतृत्व में अचानक से दो-दो सदस्य विदेश यात्रा कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मोदी जी की विदेश यात्राएं विफल हो गई हैं। जब एक भी देश भारत के साथ खड़ा नहीं रहा, तो प्रतिनिधिमंडल के जाने से क्या होगा?

उन्होंने आरोप लगाया कि अजीत पवार गुट का एक ही सांसद प्रतिनिधिमंडल में है, जबकि पवार साहब के 8 सांसद हैं। शिवसेना के नौ सांसद होने के बावजूद उन्हें न्योता नहीं मिला है। सरकार ने उनसे संपर्क भी नहीं किया।

राउत ने कहा कि सरकार को टीएमसी, अखिलेश यादव और तेजस्वी यादव से बात करनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। सरकार अपनी मर्जी के मुताबिक चयन कर रही है। उन्होंने सरकार से सवाल पूछा कि इस प्रतिनिधिमंडल की जरूरत क्या है? सरकार को उनकी दो मांगें पूरी करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री चाहें तो खुद प्रतिनिधिमंडल लेकर अमेरिका जाएं, उन्हें कोई दिक्कत नहीं है।

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