भारत और पाकिस्तान के बीच शनिवार शाम को हुए संघर्षविराम की घोषणा के बाद तनाव कम हो गया है. इस संघर्षविराम के बाद, सोशल मीडिया पर इस संघर्ष की तुलना 1971 के युद्ध से की जा रही है.
इस बहस के बीच, कांग्रेस नेता शशि थरूर ने एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने 1971 में पाकिस्तान के साथ भारत ने जो कुछ किया, उस पर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का भी ज़िक्र किया.
न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बातचीत में थरूर ने कहा कि 1971 में जो हुआ, उसकी सराहना होनी चाहिए, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आज जो हो रहा है, उसे अनदेखा किया जा सकता है.
थरूर ने कहा कि 1971 और 2025 के हालात बहुत अलग हैं. पाकिस्तान 1971 में जिस स्थिति में था, अब उस स्थिति में नहीं है. इसलिए, दोनों की तुलना करना सही नहीं है. तब हालात अलग थे और आज के हालात बिल्कुल अलग हैं.
उन्होंने कहा कि आज सच यह है कि हम उस स्थिति में पहुँच गए हैं जहाँ तनाव बेवजह नियंत्रण से बाहर हो रहा है. हमारे लिए शांति ज़रूरी है.
थरूर ने भारत और पाकिस्तान के मज़बूत नेतृत्व पर गर्व जताते हुए कहा कि उनमें यह समझने की शक्ति, बुद्धि और धैर्य है कि वर्तमान आक्रमण को रोकने का समय आ गया है. यह आक्रमण बहुत से लोगों की मौत और विनाश का कारण बन सकता था.
उन्होंने कहा कि लाखों अच्छे और निर्दोष लोग मारे जा सकते थे. आपकी विरासत आपके बहादुर कार्यों से बहुत बढ़ गई है.
थरूर ने आगे कहा कि बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में भारत, लोगों को आज़ादी दिलाने के लिए नैतिक लड़ाई लड़ रहा था. आज जो हालात हैं, वह एक अलग कहानी है.
उन्होंने कहा कि हम दोनों पक्षों के बहुत से लोगों की जान जाने के साथ एक लंबे संघर्ष में फंस जाते. क्या आज भारत के लिए यह सबसे बड़ी प्राथमिकता है? नहीं, यह नहीं है.
थरूर ने कहा कि हम उन लोगों को सिखाना चाहते थे जिन्होंने इन आतंकवादियों को भेजा था कि इसकी कीमत चुकानी होगी. मेरा मानना है कि भारत ने कभी भी 7 मई की कार्रवाई को एक लंबे संघर्ष की शुरुआत के रूप में नहीं देखा.
उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान ने आगे नहीं बढ़ाया होता, तो हम भी आगे नहीं बढ़ते. पाकिस्तान ने आगे बढ़ाया, हमने भी आगे बढ़ाया. यह उस बिंदु पर पहुँच रहा था जहाँ अगर यह ऐसे ही जारी रहता, तो हम बिना किसी स्पष्ट उद्देश्य के एक लंबे युद्ध में फंस जाते. बांग्लादेश को आज़ाद कराना एक स्पष्ट उद्देश्य है. पाकिस्तान पर सिर्फ़ गोले दागते रहना एक स्पष्ट उद्देश्य नहीं है. आप अंतर देख सकते हैं.
#WATCH | Delhi | 1971 was a great achievement, Indira Gandhi rewrote the map of the subcontinent, but the circumstances were different. Bangladesh was fighting a moral cause, and liberating Bangladesh was a clear objective. Just keeping on firing shells at Pakistan is not a… pic.twitter.com/Tr3jWas9Ez
— ANI (@ANI) May 11, 2025
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