पाकिस्तान द्वारा सीमा पर लगातार उल्लंघन के बाद, भारतीय सेना ने एक सख्त चेतावनी जारी की है। सेना ने कहा है कि अगर पाकिस्तान ने आज रात सीजफायर तोड़ा तो उसे करारा जवाब दिया जाएगा। दुश्मन देश को जवाब देने के लिए भारत पूरी तरह से तैयार है।
सेना के अनुसार, पाकिस्तान की ओर से सुबह तक ड्रोन हमले जारी रहे, जिनका मुंहतोड़ जवाब दिया गया। ये ड्रोन हमले लाहौर के नज़दीक कहीं से किए जा रहे थे। पाकिस्तान ने अपने नागरिक विमानों को भी लाहौर से उड़ान भरने की अनुमति दे दी थी, जो बेहद असंवेदनशील है, क्योंकि इस दौरान अंतर्राष्ट्रीय यात्री विमान भी उड़ान भर रहे थे। इससे भारत को अधिक सावधानी बरतनी पड़ी।
एयर मार्शल ए.के. भारती ने बताया कि 8 और 9 मई की रात 10:30 बजे से ही भारतीय शहरों पर ड्रोन और मानवरहित हवाई वाहनों से बड़े पैमाने पर हमले हुए, जो श्रीनगर से लेकर नलिया तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि भारत पूरी तरह से तैयार था और हमारी हवाई रक्षा तैयारियों ने सुनिश्चित किया कि जमीन पर या दुश्मन द्वारा नियोजित किसी भी लक्ष्य को कोई नुकसान न हो। भारत ने संतुलित प्रतिक्रिया देते हुए लाहौर और गुजरांवाला में सैन्य प्रतिष्ठानों और निगरानी रडार साइटों को निशाना बनाया।
डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि 9 से 10 मई की रात को पाकिस्तान ने सीमाओं के पार भारतीय हवाई क्षेत्र में ड्रोन और विमान उड़ाए और कई सैन्य बुनियादी ढांचे को निशाना बनाने के असफल प्रयास किए। नियंत्रण रेखा पर उल्लंघन फिर से शुरू हुआ और ये लड़ाई हवाई हमलों में बदल गई। सेना ने कहा कि भारत ने संयम बरतते हुए कार्रवाई की है, जबकि पाकिस्तान ने आम लोगों को ढाल बनाकर हमले करने की कोशिश की।
भारतीय सेना ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के 35 से 40 जवान मारे गए हैं। एयर मार्शल ए.के. भारती ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के बहावलपुर और मुरीदके में स्थित आतंकी शिविरों को ध्वस्त किए जाने के बाद का वीडियो भी दिखाया।
सेना ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के कई ड्रोन भारतीय राज्यों और सीमा के अंदर घुस आए थे, जिन्हें भारतीय सेना के एयर डिफेंस सिस्टम ने हवा में मार गिराया। ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के बहावलपुर में स्थित जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कैंप को उड़ा दिया गया है। सेना ने आतंकियों के कैंप मिटाने के सबूत दिखाए हैं और यह भी बताया कि पुलवामा हमले का एक दोषी भी मारा गया है। ऑपरेशन सिंदूर के तहत 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए हैं, जिसमें आर्मी के साथ एयरफोर्स और नेवी भी शामिल थी।
डीजीएमओ राजीव घई ने कहा कि सीमा पार से हो रहे आतंक को खत्म करना ही ऑपरेशन सिंदूर का मुख्य मकसद है। उन्होंने बताया कि मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा का हेडक्वार्टर था, जिसे ऑपरेशन सिंदूर के तहत तबाह कर दिया गया।
तीनों सेनाओं के प्रमुख अधिकारी ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी दे रहे हैं। यह ऑपरेशन 6 और 7 मई 2025 की रात को पाकिस्तान के कई आतंकी ठिकानों को ध्वस्त करके शुरू किया गया था। ऑपरेशन सिंदूर 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान के जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) जैसे संगठनों से जुड़े आतंकियों ने ली थी।
*#WATCH | Delhi: Air Marshal AK Bharti says, On the night of 8th and 9th, starting as early as 22:30 hours, our cities had a mass raid of drones, unmanned aerial vehicles, starting right from Srinagar going right up to Naliya...We were prepared and our air defence preparedness… pic.twitter.com/lbxpkhi0s3
— ANI (@ANI) May 11, 2025
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