समर्पण या मौत: कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों में फंसे नक्सली दुविधा में, घेराबंदी सख्त, डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ा
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बीजापुर और तेलंगाना की सीमा पर नक्सलियों के खिलाफ पिछले चार दिनों से चल रहे सबसे बड़े ऑपरेशन के दौरान 40 से ज्यादा जवान भीषण गर्मी के कारण डिहाइड्रेशन का शिकार हो गए हैं। उन्हें हेलीकॉप्टर से भद्राचलम ले जाया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है।

सवाल यह है कि क्या इस भीषण गर्मी और 45 डिग्री तापमान में सिर्फ जवान ही डिहाइड्रेशन का शिकार हो रहे हैं, या नक्सली भी इसकी चपेट में आ रहे हैं?

नक्सलियों के छिपने वाली पहाड़ियां पानी का अच्छा स्रोत हैं। इन्हीं पहाड़ियों से गुजरने वाली एक छोटी नदी नम्बी, नीलम सराय और लंकापल्ली जैसे तीन झरनों का निर्माण करती है, जिससे यहां 12 महीने पानी की कमी नहीं होती। लेकिन अभियान के चलते नक्सलियों में भगदड़ मच गई है और वो पानी से ज्यादा सुरक्षित ठिकानों की तलाश में हैं।

सूत्रों के अनुसार, पहाड़ियों में मौजूद बड़ी संख्या में नक्सली भी डिहाइड्रेशन का शिकार हो रहे हैं। दूसरी ओर, चार दिनों से चल रहे ऑपरेशन के कारण नक्सली खाने-पीने को भी तरस रहे हैं। भले ही नक्सलियों ने चार महीने का राशन लेकर कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों में डेरा डाला था, लेकिन इस अभियान के कारण वो राशन भी उनके काम नहीं आ रहा।

नक्सलियों के सामने अब मरो या आत्मसमर्पण करो की स्थिति है। चारों ओर से घिरे नक्सली पहाड़ियों से नीचे उतरते हैं तो जवानों की गोलियों का शिकार हो जाएंगे, और यदि डरकर पहाड़ियों पर ही छुपे रहते हैं तो डिहाइड्रेशन का खतरा उन्हें सता रहा है। सरकार और जवान भी तब तक डटे रहने को तैयार हैं, जब तक वो उन पहाड़ियों पर कब्जा नहीं कर लेते, जहां नक्सली छिपे हैं।

खबर है कि देश के मोस्ट वांटेड और करोड़ों के इनामी नक्सली कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों पर शरण लिए हुए हैं। इसी सूचना के आधार पर इस इलाके में देश का सबसे बड़ा ऑपरेशन शुरू किया गया है। जवानों के बढ़ते दबाव और मोस्ट वांटेड नक्सली नेताओं के मारे जाने के डर से नक्सली नेता रूपेश ने एक प्रेस नोट जारी कर सरकार से इस अभियान को रोकने और शांति वार्ता की पहल करने की अपील की है।

संभव है कि पहाड़ियों से दूर मौजूद नक्सली नेताओं को यह खबर है कि कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों में मौजूद नक्सली नेता ऑपरेशन से बच भी गए, तो भी डिहाइड्रेशन से मारे जा सकते हैं।

माड़वी हिड़मा, दामोदर, बंडी प्रकाश, आजाद, चन्द्रानजे, सुजाता, कट्टाराम चन्द्र रेड्डी, विकल्प, विज्जो, उर्मिला, गंगा, मंगड्डू, अभय, पापाराव, देवा, दंडकारण्य जोनल कमेटी (DKSZC) जैसे बड़े नक्सलियों के यहां मौजूद होने की खबर है।

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