सिंधु जल संधि पर भारत का कड़ा रुख, पाकिस्तान ने बताया युद्ध का ऐलान !
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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है. भारत ने सिंधु जल संधि को स्थगित करने का फैसला लिया है, जिससे पाकिस्तान में खलबली मच गई है. पाकिस्तान ने इसे युद्ध का ऐलान बताया है.

भारत ने पाकिस्तान को औपचारिक रूप से पत्र लिखकर अपने फैसले से अवगत कराया. जल शक्ति मंत्रालय की सचिव देबाश्री मुखर्जी ने पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय के सचिव सैयद अली मुर्तजा को यह पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि पाकिस्तान ने संधि की शर्तों का उल्लंघन किया है, इसलिए भारत सरकार सिंधु जल संधि 1960 को तत्काल प्रभाव से स्थगित करती है.

पत्र में आगे लिखा है कि किसी भी संधि का सम्मान करना उसका मूलभूत आधार होता है. लेकिन पाकिस्तान भारतीय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को निशाना बनाकर सीमा पार से आतंकवाद जारी रखा है. इससे उत्पन्न सुरक्षा अनिश्चितताओं ने संधि के तहत भारत के अधिकारों के पूर्ण उपयोग को बाधित किया है. साथ ही, पाकिस्तान ने संधि के तहत किसी भी बातचीत में सहयोग नहीं किया, जबकि भारत ने कई बार अनुरोध किया था, इस प्रकार संधि का उल्लंघन किया है.

भारत सरकार ने पाकिस्तान को दिए नोटिस में संधि के अनुच्छेद XII (3) के तहत सिंधु जल संधि 1960 में संशोधन की मांग की है. समझौते पर दोबारा विचार करने की आवश्यकता है, क्योंकि संधि के बाद से जनसंख्या में काफी बदलाव हुआ है.

पाकिस्तान की नेशनल सिक्योरिटी कमेटी (NCS) ने 24 अप्रैल को बैठक के बाद कहा कि अगर भारत सिंधु जल समझौते को रोकता है तो इसे युद्ध की तरह माना जाएगा.

दशकों पुरानी इस संधि को निलंबित करने का निर्णय पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद लिया गया है, जिसमें 26 लोग मारे गए थे. भारत का कहना है कि जम्मू-कश्मीर को निशाना बनाकर पाकिस्तान द्वारा जारी सीमा पार आतंकवाद सिंधु जल संधि के तहत भारत के अधिकारों में बाधा डालता है.

1960 में हस्ताक्षरित इस संधि के तहत पूर्वी नदियां सतलुज, ब्यास और रावी भारत को तथा पश्चिमी नदियां सिंधु, झेलम और चिनाब पाकिस्तान को आवंटित की गयी हैं.

पहलगाम हमले के बाद भारत ने कई कड़े कदम उठाए हैं. सिंधु जल संधि को रोकने और पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का निर्णय लिया गया है. नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी दूतावास में कर्मचारियों की संख्या भी 55 से घटाकर 30 कर दी गई है.

भारत द्वारा पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किए गए सभी मौजूदा वीजा 27 अप्रैल 2025 से रद्द कर दिए जाएंगे. पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किए गए मेडिकल वीजा केवल 29 अप्रैल 2025 तक वैध होंगे. वर्तमान में देश में मौजूद सभी पाकिस्तानी नागरिकों को वीजा की संशोधित अवधि समाप्त होने से पहले भारत छोड़ देना होगा.

भारतीय नागरिकों को पाकिस्तान की यात्रा से बचने की सख्त सलाह दी गई है. साथ ही, वर्तमान में पाकिस्तान में मौजूद भारतीय नागरिकों को भी जल्द से जल्द स्वदेश लौटने की सलाह दी गई है.

भारत ने दुनिया के 20 देशों के राजनयिकों को पहलगाम हमले और भारत के रुख के बारे में जानकारी दी. इन देशों में अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, यूरोपीय संघ, इटली, कतर, जापान, चीन, जर्मनी, फ्रांस, इंडोनेशिया, मलेशिया, ओमान, संयुक्त अरब अमीरात और नॉर्वे शामिल हैं.

पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की जान चली गई थी, जिनमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक शामिल थे. लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े द रेजिस्टेंस फ्रंट नाम के आतंकी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. इस घटना के बाद भारत-पाकिस्तान संबंधों में एक बार फिर तनाव का दौर शुरू हो गया है.

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