तृणमूल कांग्रेस (TMC) में इन दिनों आंतरिक कलह चरम पर है। सांसद सौगत रॉय ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा कि पिछले हफ्ते निर्वाचन आयोग से मुलाकात से पहले महुआ मोइत्रा अपने सहकर्मी कल्याण बनर्जी के साथ तीखी बहस के बाद रो रही थीं। रॉय ने बनर्जी के व्यवहार पर सवाल उठाते हुए उन्हें पार्टी के मुख्य सचेतक पद से हटाने की मांग की है।
यह विवाद तब और गरमा गया जब बीजेपी नेता अमित मालवीय ने कुछ वीडियो और व्हाट्सएप चैट सार्वजनिक कर दिए। इन चैट्स में कीर्ति आज़ाद समेत तृणमूल सांसदों के बीच तीखी नोकझोंक देखी जा सकती है। एक वीडियो में आज़ाद बनर्जी को संयम बरतने की सलाह देते हुए सुनाई दे रहे हैं।
सौगत रॉय ने बनर्जी पर असभ्य व्यवहार करने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी बताया कि वक्फ विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की बैठक के दौरान बनर्जी ने एक बोतल तोड़ दी थी और उसे समिति के अध्यक्ष पर फेंक दिया था।
अमित मालवीय द्वारा साझा किए गए वीडियो में बनर्जी को निर्वाचन आयोग के कार्यालय में प्रवेश करते समय अपने सहयोगियों पर चिल्लाते हुए देखा जा सकता है, जबकि पार्टी नेता उन्हें शांत करने की कोशिश कर रहे हैं।
यह सारा विवाद 4 अप्रैल को तब शुरू हुआ जब तृणमूल नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल डुप्लीकेट वोटर आईडी नंबरों को लेकर निर्वाचन आयोग से मिला। सूत्रों के अनुसार, बनर्जी को एक ज्ञापन पर तृणमूल सांसदों के हस्ताक्षर लेने का काम सौंपा गया था, जिसे पार्टी को निर्वाचन आयोग को सौंपना था। मोइत्रा ने आरोप लगाया कि उनसे हस्ताक्षर नहीं लिया गया, जिसके बाद दोनों सांसदों के बीच बहस छिड़ गई।
मोइत्रा ने निर्वाचन आयोग कार्यालय के बाहर बनर्जी की आलोचना की, जिसके जवाब में बनर्जी ने दावा किया कि मोइत्रा ने निर्वाचन आयोग कार्यालय में सुरक्षाकर्मियों से उन्हें गिरफ्तार करने के लिए कहा था।
सौगत रॉय ने कहा, जब कल्याण बनर्जी और महुआ मोइत्रा के बीच यह विवाद हुआ, तब मैं वहां नहीं था। मैंने महुआ को रोते हुए और कल्याण के व्यवहार के बारे में अन्य पार्टियों के कई सांसदों से शिकायत करते हुए देखा। उन्होंने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि पार्टी के आंतरिक मामले लीक हो रहे हैं।
रॉय ने बनर्जी के पुराने बर्ताव का जिक्र करते हुए कहा, उन्होंने (केंद्रीय मंत्री) ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेडी किलर कहा और बाद में उनसे माफ़ी भी मांगी। उन्होंने कल्याण बनर्जी को लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक के पद से हटाने की मांग की, हालांकि इसका फैसला उन्होंने तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी पर छोड़ दिया है।
उधर, कल्याण बनर्जी ने स्वीकार किया कि बहस हुई थी, लेकिन उन्होंने इसका ठीकरा महिला सांसद पर फोड़ा। उन्होंने कहा, “यह महिला सांसद निर्वाचन आयोग के बाहर सुरक्षाकर्मियों से मुझे गिरफ्तार करने के लिए कह रही थीं। वे मुझे जेल भेजने वाले कौन होते हैं? उन्होंने मुझे गालियां दीं।”
मामला अब पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी तक पहुंच गया है। बताया जा रहा है कि विवाद के बाद महिला सांसद ने व्हाट्सऐप ग्रुप छोड़ दिया और ममता बनर्जी और तृणमूल महासचिव अभिषेक बनर्जी को पत्र भेजा है।
इनसाइड स्टोरी की बात करें तो यह बहस पिछले सप्ताह तब हुई जब पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल ज्ञापन सौंपने निर्वाचन आयोग गया था। ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने को लेकर कल्याण बनर्जी की महिला सांसद के साथ बहस हो गई। महिला सांसद ने सुरक्षाकर्मियों से हस्तक्षेप करने को कहा और दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुए उनकी गिरफ्तारी की मांग की। बाद में दोनों सांसदों ने इस घटना के बारे में ममता बनर्जी से मौखिक शिकायत दर्ज कराई।
मामला तब और बढ़ गया जब कल्याण बनर्जी और कीर्ति आज़ाद के बीच सांसदों के व्हाट्सएप ग्रुप में बहस हुई। बनर्जी ने दावा किया, दरअसल, यह कीर्ति आज़ाद ही थे जिन्होंने मुझे उकसाया। उन्होंने व्हाट्सएप चैट लीक किया।
Soon after the public spat between two TMC MPs in the precincts of the Election Commission of India on 4th April 2025, the irate MP continued slandering the ‘Versatile International Lady (VIL)’…
— Amit Malviya (@amitmalviya) April 8, 2025
This is the stuff legends are made of! pic.twitter.com/dsubQrmQUj
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