ट्रंप का टैरिफ: खूबसूरत चीज या कड़वी गोली ?
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ ने वैश्विक बाजारों में खलबली मचा दी है. अमेरिका समेत कई देशों के शेयर बाजार भारी गिरावट का सामना कर रहे हैं. कनाडा, मेक्सिको और यूरोपीय संघ जैसे कई देश ट्रंप के इस टैरिफ से नाराज हैं.

ट्रंप ने टैरिफ को कड़वी गोली करार दिया है. वैश्विक बाजारों में मची उथल-पुथल के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह खुद नहीं चाहते कि शेयर बाजार गिरावट से गुजरे, लेकिन कभी-कभी बीमारी को ठीक करने के लिए कड़वी गोली लेनी पड़ती है.

ट्रंप ने टैरिफ को बेहद खूबसूरत चीज भी बताया. उन्होंने कहा कि चीन, यूरोपीय संघ और कई अन्य देशों के साथ अमेरिका का वित्तीय घाटा बहुत ज्यादा है. इस समस्या का समाधान केवल टैरिफ से ही हो सकता है. इससे अब अरबों डॉलर अमेरिका आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि जो बाइडेन के कार्यकाल में इन देशों ने अमेरिका के साथ बुरा सलूक किया, जिससे वित्तीय घाटा बहुत बढ़ गया. अब इसे कम किया जाएगा, ताकि लोगों को अहसास हो कि अमेरिका के लिए टैरिफ एक खूबसूरत चीज है.

ट्रंप के ऐलान के बाद शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखी गई है. अमेरिकी और एशियाई शेयर बाजार लुढ़क गए हैं, साथ ही क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉइन में भी तेज गिरावट हुई है. निवेशकों में डर है कि टैरिफ से महंगाई बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था मंदी की ओर जा सकती है. अर्थशास्त्रियों का कहना है कि टैरिफ से सामान महंगा हो जाएगा, खासकर अमेरिका में जहां आयात बहुत ज्यादा है. इससे लोगों का खर्च बढ़ेगा और मांग घट सकती है, जो मंदी का कारण बन सकता है.

ट्रंप के टैरिफ के विरोध में देशभर में हैंड्स ऑफ नाम से रैलियां निकाली गईं. अमेरिका के सभी 50 राज्यों में हुए इन प्रदर्शनों में नागरिक अधिकार संगठनों, मजदूर यूनियनों, LGBTQ+ समूहों, पूर्व सैनिकों और अन्य संगठनों ने भाग लिया. प्रदर्शनकारियों ने ट्रंप प्रशासन पर लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने का आरोप लगाया.

टेस्ला, स्पेसएक्स और एक्स के सीईओ एलन मस्क, जो डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) के प्रमुख और ट्रंप के करीबी हैं, पर सरकारी एजेंसियों में बड़े पैमाने पर कटौती को बढ़ावा देने के आरोप लगे हैं. मस्क का दावा है कि इससे टैक्सपेयर्स के अरबों डॉलर बच रहे हैं, जबकि कई अमेरिकी इसे जरूरी सेवाओं को खत्म करने के रूप में देख रहे हैं.

न्यूयॉर्क में प्रदर्शनकारियों ने हैंड्स ऑफ आवर डेमोक्रेसी और डाइवर्सिटी इक्विटी इंक्लूजन मेक्स अमेरिका स्ट्रॉन्ग जैसे नारे लगाते हुए मैनहट्टन की सड़कों पर मार्च किया. बोस्टन कॉमन में हजारों लोगों ने शिक्षा और सोशल सिक्योरिटी पर सरकार की नीतियों का विरोध किया.

व्हाइट हाउस ने इन प्रदर्शनों को खारिज करते हुए कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप अमेरिकियों के लिए सोशल सिक्योरिटी, मेडिकेयर और मेडिकेड की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं. प्रशासन का आरोप है कि डेमोक्रेट्स इन लाभों को अवैध प्रवासियों को देना चाहते हैं, जिससे ये योजनाएं दिवालिया हो जाएंगी और बुजुर्गों पर भार पड़ेगा.

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