थाईलैंड और म्यांमार में भूकंप: धरती हिली, तो क्यों भागी ये मशीन?
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थाईलैंड और म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप की तस्वीरें भयावह हैं। 30 मंजिला इमारतें ताश के पत्तों की तरह ढह गईं, पुल टूटकर लटक गए और बड़ी संख्या में घरों को नुकसान पहुंचा। चीखते-पुकारते लोगों से हर कोई ईश्वर से प्रार्थना कर रहा है।

थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में 7.7 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। भूकंप आते ही, जमीन में लगी एक मशीन तेजी से चलने लगी, जिसने बड़ी-बड़ी जिगजैग लाइनें खींच दीं। ये लाइनें भूकंप की भयावहता को मापने का एक तरीका हैं। लगातार भूकंप के झटके महसूस किए गए।

खबरों के अनुसार, निर्माणाधीन एक ऊंची इमारत ढहने से 40 से अधिक निर्माण श्रमिक लापता हैं।

अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और जर्मनी के जीएफ़जेड भूविज्ञान केंद्र के अनुसार, भूकंप की गहराई 10 किलोमीटर थी और इसका केंद्र म्यांमार में था। 6.4 तीव्रता के आफ्टरशॉक भी दर्ज किए गए। प्रारंभिक रिपोर्टों में 100 लोगों के मरने की खबर है और मलबे में 1000 लोगों के दबे होने की आशंका है।

भूकंप के झटके भारत के कई राज्यों और चीन में भी महसूस किए गए। भारत ने भूकंप प्रभावित देशों को सहायता की पेशकश की है।

अब जानिए उस मशीन के बारे में, जो भूकंप आते ही चलने लगती है।

इस मशीन को सीस्मोमीटर कहते हैं। यह भूकंप का पता लगाती है और उसकी तीव्रता बताती है। सीस्मोमीटर भूकंपीय तरंगों के कारण होने वाले कंपन को इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल में बदलती है। यह सिग्नल एक ग्राफ के रूप में दर्शाया जाता है, जिसमें भूकंप को दिखाने के लिए जिगजैग लाइनों का इस्तेमाल किया जाता है।

सरल शब्दों में कहें, तो धरती में किसी भी तरह की हलचल होने पर यह मशीन चलने लगती है। इसके ग्राफ के आधार पर ही रिक्टर स्केल पर तीव्रता मापी जाती है। यह पेंडुलम के सिद्धांत पर काम करती है। स्प्रिंग से लटकी हुई यह मशीन, भूकंप आने पर गति करने लगती है, जिसकी गति भूकंप की ऊर्जा पर निर्भर करती है।

सीस्मोमीटर मशीनों को दुनिया भर में जमीन में लगाया जाता है और भूकंपीय नेटवर्क के हिस्से के रूप में संचालित किया जाता है। पहला सीस्मोग्राफ 1890 में विकसित किया गया था।

रिक्टर स्केल में भूकंप की तीव्रता 1 से 10 तक मापी जाती है। अमेरिकी भूकम्पविज्ञानी चार्ल्स रिक्टर ने 1935 में इस गणितीय उपकरण का आविष्कार किया था, जो आज भी भूकंप के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है।

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