उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष जांच दल (SIT) ने संभल की शाही जामा मस्जिद के अध्यक्ष जफर अली को रविवार को हिरासत में ले लिया।
अली पर आरोप है कि उन्होंने पिछले साल अदालत के आदेश पर हुए सर्वे के खिलाफ हुई हिंसा को भड़काया था। इस हिंसा में चार लोगों की जान चली गई थी और कई लोग घायल हुए थे।
पुलिस का कहना है कि जफर अली को सबसे पहले सर्वे की जानकारी मिली थी। आरोप है कि 19 नवंबर को उन्हें सर्वे के बारे में पहले से बता दिया गया था, जिसके बाद भीड़ जमा हो गई और रुकावट पैदा हुई।
इसी तरह, 24 नवंबर को भी उन्हें पहले सूचना मिली और तब भी बड़ी संख्या में लोग जमा हुए, जिसके कारण हिंसा हुई। अली को भारी सुरक्षा के बीच मेडिकल जांच के लिए चंदौसी ले जाया गया।
आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए जफर अली ने कहा कि उन्होंने कोई हिंसा नहीं भड़काई।
उनके भाई, एडवोकेट मोहम्मद ताहिर ने पहले ही आशंका जताई थी कि SIT उनके भाई को गिरफ्तार कर सकती है। गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किया।
प्रशासन ने इलाके में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए कड़ी चौकसी बरती है। यह मुगलकालीन मस्जिद एक बड़े विवाद का केंद्र बन गई है, क्योंकि एक याचिका में दावा किया गया है कि यह एक प्राचीन हिंदू मंदिर का स्थल था।
इस मामले में संभल के सांसद जिया उर रहमान बर्क भी आरोपी हैं। नवंबर 2024 में दर्ज FIR के अनुसार, बर्क ने कथित तौर पर राजनीतिक लाभ के लिए सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने के लिए भीड़ को उकसाया था।
गौरतलब है कि मुगलकालीन मस्जिद के न्यायालय द्वारा आदेशित सर्वे को लेकर हिंसा भड़कने के लगभग 24 घंटे बाद, पुलिस ने सात FIR दर्ज की थीं, जिनमें बर्क और सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे सोहेल इकबाल को भी आरोपी बनाया गया था।
संभल जामा मस्जिद पर विवाद इस दावे से शुरू हुआ कि शहर की शाही जामा मस्जिद ऐतिहासिक हरिहर मंदिर को ध्वस्त करने के बाद बनाई गई थी, जिसके बारे में कई लोगों का मानना है कि यह उसी जगह पर स्थित था।
पिछले साल 24 नवंबर को मस्जिद का अदालत की तरफ से सर्वे करने का आदेश दिया गया था।
सर्वे के विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान हिंसा भड़कने के बाद से संभल में तनाव बना हुआ है। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में चार लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हुए थे। प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाए और सर्वे के दौरान पुलिस पर पत्थरबाजी की थी। उन्होंने गाड़ियों में आग भी लगा दी थी, जिसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया था।
#WATCH | Uttar Pradesh | Jama Masjid Sadar Chief & Shahi Mosque Committee Chief, Zafar Ali, says, I did not incite any violence...
— ANI (@ANI) March 23, 2025
He was taken into custody by the SIT team of the Sambhal police in connection with the November 24 Sambhal violence. pic.twitter.com/wWsyz1rLVu
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