27 साल बाद सत्ता में आई भाजपा पर मंदिर तोड़ने का आरोप! बुलडोजर कार्रवाई से भड़के लोग
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दिल्ली के मयूर विहार-2 स्थित संजय झील पार्क में बने तीन मंदिरों को तोड़ने के लिए डीडीए के बागवानी विभाग ने नोटिस जारी किया है। इस नोटिस से इलाके के लोगों में भारी गुस्सा है।

नोटिस में कहा गया है कि मंदिर ग्रीन बेल्ट में बना है, इसलिए इसे या तो खुद हटा लें, या प्रशासन हटाएगा। स्थानीय निवासियों का कहना है कि पार्क में बने सभी मंदिर लगभग 40 साल पुराने हैं।

नोटिस मिलने के बाद से ही क्षेत्र के निवासी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। रात भर चले विरोध प्रदर्शन के बाद, सुबह करीब पांच बजे प्रशासन की एक दर्जन से अधिक खुदाई करने वाली गाड़ियां मंदिरों को तोड़ने के लिए पहुंचीं। मंदिर तोड़ने की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी थीं, जबकि स्थानीय निवासी मंदिरों को बचाने के लिए पूजा-अर्चना कर रहे थे।

रात भर चले विरोध प्रदर्शन और निवासियों के हंगामे के बाद संजय झील पार्क में मंदिरों को तोड़ने का काम अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया है।

दिल्ली में डीडीए की इस बुलडोजर कार्रवाई पर लोगों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। लोग बीजेपी को भी खरी-खोटी सुना रहे हैं। लोगों का कहना है कि 27 साल बाद सत्ता में आने के बाद भाजपा हिंदू विरोधी काम कर रही है। सोशल मीडिया पर लोगों ने इस पर गुस्सा जाहिर किया है और बीजेपी को सबक सिखाने की बात तक कही है।

विधायक रवि नेगी के अनुसार, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्ली के राज्यपाल और दिल्ली विकास प्राधिकरण के अधिकारियों से बात की और मंदिर की ओर बढ़ रहे बुलडोजर को रुकवा दिया।

क्षेत्रवासियों ने बताया कि सभी मंदिर पंजीकृत हैं और हर साल यहां दुर्गा पूजा और सरस्वती पूजा के कार्यक्रम होते हैं। जम्मू-कश्मीर से आए कश्मीरी पंडितों ने सालों पहले अमरनाथ मंदिर और बद्रीनाथ मंदिर का निर्माण कराया था, और अब इतने सालों बाद अचानक नोटिस मिलने से क्षेत्रवासी नाराज हैं।

जारी किए गए नोटिस पर विभाग की मुहर के साथ अधिकारी के हस्ताक्षर न होने पर भी क्षेत्रवासी सवाल उठा रहे हैं।

कालीबाड़ी मंदिर के पुजारी ने बताया कि वह पिछले 10 सालों से मंदिर में पूजा-अर्चना कर रहे हैं। उन्हें किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं थी, लेकिन अचानक नोटिस चिपकाकर चले गए। मंदिर को तोड़कर खुद हटाने का नोटिस मिलने से क्षेत्र के पड़ोसी नाराज हैं।

दूसरा मंदिर अमरनाथ मंदिर है। यह नोटिस दिल्ली विकास प्राधिकरण के बागवानी विभाग की ओर से जारी किया गया था। क्षेत्रवासियों और पुजारी ने बताया कि यह मंदिर भी काफी पुराना है। कश्मीर से आए कश्मीरी पंडितों ने यहां अमरनाथ मंदिर बनवाया था। नोटिस जारी होने के बाद कुछ लोग चले गए। हालांकि, स्थानीय लोगों ने कोर्ट में अपील दायर की है।

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