अल सल्वाडोर के राष्ट्रपति नायब बुकेले ने खुलासा किया है कि वेनेजुएला के आपराधिक संगठन ट्रेन डी अरागुआ के 238 सदस्यों का पहला जत्था अल सल्वाडोर पहुंच चुका है। इन सभी अपराधियों को आतंकवाद कारावास केंद्र (CECOT) में एक साल के लिए भेजा गया है, जिसकी अवधि बढ़ाई भी जा सकती है।
राष्ट्रपति बुकेले ने बताया कि अमेरिका इन कैदियों के बदले बहुत कम शुल्क का भुगतान करेगा, लेकिन अल सल्वाडोर के लिए यह राशि महत्वपूर्ण है।
अल सल्वाडोर सरकार जीरो आइडलनेस कार्यक्रम चला रही है, जिसके तहत 40,000 से ज़्यादा कैदियों की मदद से जेलों को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। अमेरिका से भेजे गए इन कैदियों को भी प्रोडक्शन के काम में लगाया जाएगा। इन जेलों की सालाना लागत 200 मिलियन डॉलर है।
यह उल्लेखनीय है कि एक संघीय न्यायाधीश ने इन सभी कैदियों को वापस अमेरिका भेजने का आदेश दिया था। लेकिन ट्रंप प्रशासन ने उस आदेश की अवहेलना करते हुए सभी को जेल भेज दिया। व्हाइट हाउस का कहना है कि वह अदालत की अवमानना नहीं कर रहा है, और अदालत के फैसले को नजरअंदाज करना उसके अधिकार क्षेत्र में है।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने एक बयान में कहा, किसी एक शहर का न्यायाधीश उन विदेशी आतंकवादियों से भरे विमानवाहक पोत की गतिविधियों को नियंत्रित नहीं कर सकता, जिन्हें अमेरिकी धरती से शारीरिक रूप से निष्कासित किया गया है।
वाशिंगटन, डीसी के एक संघीय न्यायाधीश ने पहले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा विदेशी शत्रु अधिनियम लागू करने पर रोक लगा दी थी। यह 18वीं सदी का कानून है, जिसका इस्तेमाल द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापानी मूल के अमेरिकी नागरिकों को पकड़ने और बिना मुकदमे के नजरबंदी शिविरों में रखने के लिए किया गया था। ट्रंप ने इस अधिनियम की युद्धकालीन शक्तियों का उपयोग करके वेनेजुएला के ट्रेन डी अरागुआ गिरोह के सदस्यों को तेजी से निर्वासित करने की मांग की थी, जिन पर अपहरण, जबरन वसूली और हत्या जैसे गंभीर अपराधों के आरोप हैं।
Today, the first 238 members of the Venezuelan criminal organization, Tren de Aragua, arrived in our country. They were immediately transferred to CECOT, the Terrorism Confinement Center, for a period of one year (renewable).
— Nayib Bukele (@nayibbukele) March 16, 2025
The United States will pay a very low fee for them,… pic.twitter.com/tfsi8cgpD6
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