25 दिसंबर को सारा विश्व क्रिसमस का त्योहार मनाता है , मगर भारत में इस दिन एक नहीं २ त्यौहार मनाये जाते हैं एक तो क्रिसमस और दूसरा पूर्व प्रधानमंत्री आदरणीय श्री अटल बिहारी वाजपेई जी का जन्म दिवस | जी हाँ भारत रत्न अटल जी सबके प्रिय हैं, क्या पक्ष क्या विपक्ष सभी उनके मुरीद हैं | संसद हो या सड़क हर स्थान पर अटल जी ने आदर्श राजनीति के वे स्तम्भ खड़े किये हैं जिनकी बराबरी आधुनिक काल में कोई भी करता नहीं दिखता | विलक्षण प्रतिभा के धनी अटल जी की कई बातें अनुकरणीय हैं| तो आऐए जानते हैं क्या थीं वे दस बातें जो बनाती थीं उन्हें औरों से अलग :
जैसा कि उनकी ये कविता कहती है , अटल जी सच्चे हिन्दू थे ; या यूँ कह सकते हैं कि हिंदुत्व की आत्मा को उन्होंने जितना करीब से छुआ उतना शायद ही कोई राजनेता छू ना पाया हो | हिंदुत्व के मूल तत्व राष्ट्रभक्ति, क्षमा, निर्भयता, त्याग , सत्यनिष्ठा और अहिंसा का सम्पूर्ण मिश्रण थे अटल जी | अटल जी का दर्शन आमंत्रण था ना कि आक्रमण से |
अटल जी के पास शब्द शक्ति की अद्वितीय निधि थी , उनके एक एक शब्द व्यपकता समेटे हुए और अर्थ पूर्ण होते थे | वे प्रखर वक्ता के रूप में इस कारण सबसे लोकप्रिय हुए कि वे कथ्य में तथ्य और तथ्य में सत्य का समावेश करना धर्म समझते थे | अटल जी के वक्तव्यों का प्रभाव ये था कि विपक्ष भी उनके बयानों को नकारने की हिम्मत नहीं करता था |
अटल जी के व्यक्तित्व की सबसे बड़ी सुंदरता थी उनकी सत्यनिष्ठा एक बार ग्वालियर में अटल जी एक बेहद करीबी रिश्तेदार के घर गए वहां उनके पसंदीदा खीर पुए उन्हें परोसे गए, चूंकि अटल जी प्रधानमंत्री थे तो रिश्तेदार ने अटल जी से किसी काम को सिफारिश से करवाने का अनुरोध किया ; इस पर अटल जी ने जवाब दिया " आपके खीर पुए बहुत स्वादिष्ट बने हैं , मगर क्षमा कीजिये मैं किसी को विशेष लाभ नहीं दे पाउँगा "
अटलजी बड़े स्वाभिमानी थे, राजनीती के इतिहास में उनका नाम इस बात के लिए स्वर्ण अक्षरों में अंकित हैं कि उन्होंने अपनी सरकार एक वोट की कमी से गिर जाना स्वीकार किया मगर स्वाभिमान से समझौता नहीं किया
अटल जी अनन्य राष्ट्रभक्त थे, इस बात का प्रमाण उनका सम्पूर्ण जीवन है | पहले १७ वर्ष की उम्र में आज़ादी की लड़ाई में शामिल हुए उसके बाद जीवन पर्यन्त अविवाहित रहकर देश की सेवा करते रहे | घर परिवार को त्याग कर देश यज्ञ में जीवन की आहुति देने वाले लाखों स्वयं सेवकों में से वे एक हैं |
परमाणु शक्ति सम्पन्न देशों की संभावित नाराजगी से विचलित हुए बिना उन्होंने अग्नि-दो और परमाणु परीक्षण कर देश की सुरक्षा के लिये साहसी कदम उठाये। सन् १९९८ में राजस्थान के पोखरण में भारत का द्वितीय परमाणु परीक्षण किया जिसे अमेरिका की सी०आई०ए० को भनक तक नहीं लगने दी।
एक साधारण अध्यापक के पुत्र श्री अटलबिहारी वाजपेयी दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री बने। और उसके बाद भी उनके जीवन की वह सादगी बनी रही ,
अटल सबसे लम्बे समय तक सांसद रहे हैं और जवाहरलाल नेहरू व इंदिरा गांधी के बाद सबसे लम्बे समय तक गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री भी। वह पहले प्रधानमंत्री थे जिन्होंने गठबन्धन सरकार को न केवल स्थायित्व दिया अपितु सफलता पूर्वक संचालित भी किया। पक्ष हो या विपक्ष सभी उनसे सीखते थे और आदर करते थे
अटल जी की शैली आक्रमणक राजनेता की थी, वे रौद्र जरूर थे मगर अति विनम्रता से , सच मुच वे राजनीति की सम्पूर्ण व्यवहार संहिता का आदर्शतम रूप हैं|
अटल जी ने NDA के दसियों दलों को एक साथ रखते हुए जिस तरह सरकार चलायी वह एक अति कुशल राजनेता के ही बस का काम था | वे राजनीति के पंडित थे, चाहे अमेरिका की धमकी को किनारे कर पोखरण का परीक्षण हो या नदियों का सौ साल पुराना मुद्दा सुलझाना हो , अटल जी की कूटनीति गज़ब की थी |
अटल जी की ये कविताएं हैं भारत की अनमोल धरोहर : Birthday Special News75
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