बिहार में लोक आस्था का महापर्व छठ बदलते मौसम का संकेत दे रहा है। घाटों पर छठी मैया के गीतों के साथ बादलों की चहलकदमी देखी जा रही है।
मौसम विभाग के अनुसार, मंगलवार को अरुणोदय के साथ सूर्य को अर्घ्य देने के दौरान बादल आस्था के इस पर्व को और खूबसूरत बनाएंगे। लंबे समय से जारी उमस और गर्मी अब विदा लेने को तैयार है, ठंडी हवाओं का दौर शुरू होने वाला है।
28 अक्टूबर से राज्य के कई हिस्सों में हल्की बारिश शुरू होगी, जो अगले कुछ दिनों में भारी बारिश और गिरते तापमान के रूप में नजर आएगी। छठ पूजा के बाद मौसम एक नया मोड़ लेगा, जहां सर्द हवाओं का अहसास होगा।
बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव क्षेत्र ने गहरा रूप ले लिया है और आने वाले दिनों में चक्रवात मोंथा का रूप ले सकता है। यह तूफान सीधे बिहार से न टकराए, लेकिन इसका असर यहां जरूर महसूस होगा।
गया से कटिहार तक गरज-चमक और बिजली गिरने की आशंका है। राज्य के पूर्वी और सीमांचल जिलों में 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं। मौसम विभाग ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
छठ पूजा के तीसरे दिन, संध्या अर्घ्य के समय लाखों श्रद्धालु गंगा, सोन, कोसी और पंचाने नदी के घाटों पर सूर्य को अर्घ्य देने पहुंचते हैं। इस दौरान हल्के बादलों की मौजूदगी और ठंडी हवाओं का असर महसूस होने लगा है।
हालांकि चक्रवात का प्रभाव उत्तर बिहार में सीमित रहेगा, लेकिन दक्षिण बिहार, विशेषकर गया, मुंगेर, नवादा और जमुई में इसका असर ज्यादा देखा जा सकता है। कुछ इलाकों में सुबह-सुबह कोहरा छा सकता है, जिससे दृश्यता में कमी आने की संभावना है।
मौसम विभाग ने 28 से 31 अक्टूबर तक के लिए राज्य में येलो अलर्ट जारी किया है।
इन दिनों बिहार के कई इलाकों में झमाझम बारिश होगी, जिससे तापमान में गिरावट और ठंड का असर महसूस किया जाएगा।
राजधानी पटना में बीते दो दिनों से सुबह के समय हल्का कोहरा और सर्द हवाएं महसूस की जा रही हैं। मौसम विभाग का अनुमान है कि छठ के बाद तापमान में दो से चार डिग्री सेल्सियस तक गिरावट दर्ज की जा सकती है।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार ला नीना की स्थिति उत्तर भारत में बन रही है, जिसका सीधा असर बिहार पर भी पड़ेगा। नवंबर के पहले सप्ताह से ही सर्दी का असर तेज़ होने की संभावना है।
राज्य के उत्तरी और मध्य हिस्सों में कोहरे की चादर छाने लगेगी, जबकि दिन में हल्की धूप खिली रहेगी।
बदलते मौसम में लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। गरज-चमक के दौरान खुले स्थानों से दूर रहें, बिजली के खंभों और पेड़ों के नीचे शरण न लें। किसानों को फसलों की सुरक्षा और जलभराव से बचाव के इंतज़ाम करने चाहिए।
*#न्यूनतम #तापमान और #परिवर्तन पिछले 24 घंटा #बिहार जिलों से। pic.twitter.com/bZQypPhABy
— Mausam Bihar- IMD Patna (@imd_patna) October 27, 2025
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