लखनऊ: दलित बुजुर्ग को पेशाब चटवाने का मामला गरमाया, सपा नेताओं ने की मुलाकात, चंद्रशेखर ने कहा- दलित विरोधी मानसिकता
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लखनऊ के काकोरी में एक दलित बुजुर्ग को पेशाब पीने के लिए मजबूर करने का मामला बढ़ता जा रहा है। यह घटना काकोरी के शीतला माता मंदिर परिसर में हुई।

पीड़ित बुजुर्ग रामपाल ने बताया कि डर के मारे उसने पहले कहा कि पानी गिरा है, लेकिन वह पेशाब था। इसके बाद उसे चाटने के लिए कहा गया और धमकाया भी गया।

घटना के बाद समाजवादी पार्टी का एक दल सांसद आरके चौधरी के नेतृत्व में पीड़ित से मिलने पहुंचा। काकोरी में सपा नेताओं और पुलिस के बीच बहस भी हुई। पूर्व सांसद कौशल किशोर और विधायक जय देवी कौशल भी रामपाल के परिवार से मिले। सुबह से ही राजनीतिक दलों के लोग पीड़ित परिवार से मिल रहे हैं।

घटना को लेकर लोगों में आक्रोश है और समाज के लोग सुबह से मंदिर परिसर के बाहर जमा हैं।

यह घटना दिवाली की रात की है। आरोपी स्वामी कांत उर्फ पम्मू, मंदिर के प्रबंधक का भाई है और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है।

रामपाल ने बताया कि वह मंदिर में पानी पी रहे थे, तभी पम्मू आया और उन पर पेशाब करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वहां पानी गिरा है, लेकिन पम्मू ने जातिसूचक शब्द कहे और उन्हें जमीन चाटने पर मजबूर किया।

पीड़ित के पोते मुकेश कुमार ने बताया कि उनके दादाजी को सांस लेने में तकलीफ है और दवाइयां न लेने पर जान जा सकती है। मंदिर में उन्हें खांसी आई और थोड़ा पेशाब निकल गया। इसके बाद पम्मू ने जातिसूचक शब्द कहे और पेशाब चाटने के लिए मजबूर किया। इसके बाद उस जगह को तालाब के पानी से धुलवाया। मुकेश ने बताया कि मुख्य मंदिर उस जगह से 40 मीटर दूर है जहां दादाजी ने गलती से पेशाब किया था।

पुलिस ने पम्मू के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि किसी की भूल का अर्थ यह नहीं कि उसे अपमानजनक अमानवीय सजा दी जाए।

कांग्रेस ने कहा कि लखनऊ में एक बुजुर्ग दलित व्यक्ति को पेशाब चाटने पर मजबूर किया गया क्योंकि उन्होंने मंदिर प्रांगण में गलती से पेशाब कर दिया था। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि आरोपी आरएसएस कार्यकर्ता था और उसने जातिसूचक गालियां दी। कांग्रेस ने इसे मानवता पर कलंक बताया और दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि यह घटना आरएसएस-भाजपा की दलित विरोधी मानसिकता का प्रतीक है। हालांकि, पुलिस ने कहा कि आरोपी का संघ से कोई संबंध नहीं है।

भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि दलित बुजुर्ग रामपाल पासी को पेशाब चाटने के लिए मजबूर करना जातिवाद और सामंतवाद की वर्षों पुरानी दलित विरोधी मानसिकता का नंगा प्रदर्शन है। उन्होंने इसे मानवता के लिए कलंक और संविधान की आत्मा पर प्रहार बताया। उन्होंने सरकार से आरोपी को गिरफ्तार करने और एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत कठोरतम सजा देने की मांग की। उन्होंने पीड़ित रामपाल पासी को सरकारी सुरक्षा, सम्मानजनक मुआवजा और इलाज की सुविधा देने की भी मांग की।

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