राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ने से लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में परेशानी हो रही है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है। दिवाली के दिन पटाखे फोड़े जाने के कारण हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच गई है।
सर गंगा राम अस्पताल के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. धीरेन गुप्ता ने चेतावनी दी है कि प्रदूषण से बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं क्योंकि वे अधिक मात्रा में विषाक्त पदार्थों को ग्रहण करते हैं। इससे उन्हें श्वसन संबंधी और स्वास्थ्य समस्याएं होने का खतरा बढ़ जाता है। अस्थमा और सांस की बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए प्रदूषण और भी खतरनाक है। प्रदूषण गर्भवती महिलाओं और उनके बच्चों को भी नुकसान पहुंचा सकता है।
पीएसआरआई इंस्टीट्यूट ऑफ पल्मोनरी, क्रिटिकल केयर एंड स्लीप मेडिसिन के चेयरमैन डॉ. जीसी खिलनानी ने बताया कि प्रदूषण के कारण हार्ट अटैक, अस्थमा और ब्रोंकाइटिस का खतरा 22-25 फीसदी तक बढ़ जाता है। बीमार लोगों के लिए प्रदूषण सामान्य लोगों की तुलना में ज्यादा खतरनाक है।
अपोलो हॉस्पिटल्स के रेस्पिरेटरी मेडिसिन स्पेशलिस्ट डॉ. निखिल मोदी ने कहा कि सर्दियों में हवा की गति कम होने से प्रदूषण निचले स्तर पर जमा हो जाता है। प्रदूषण बढ़ने से एलर्जी और फेफड़ों की समस्या वाले लोगों को सांस लेने में तकलीफ, खांसी और आंखों से पानी आने जैसी समस्याएं होती हैं। उन्होंने लोगों को एहतियाती कदम उठाने, दवाएं लेने और बच्चों और बुजुर्गों को बाहर जाने से बचने की सलाह दी है। बाहर जाते समय मास्क पहनना भी जरूरी है।
पर्यावरणविद् सुनील दहिया ने बताया कि पटाखे फोड़ने के बाद प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है। कई इलाकों में प्रदूषण का स्तर 900-1000 के पार चला गया था। इस दिवाली पर ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति थी, लेकिन सरकारी नियमों का पालन नहीं किया गया और प्रतिबंधित पटाखे जलाए गए।
पर्यावरणविद् डॉ. अनिल गुप्ता ने कहा कि दिल्ली का औसत एक्यूआई लगभग 340 है, और अधिकतम एक्यूआई 450 के आसपास है। पिछले साल की दिवाली की तुलना में स्थिति थोड़ी बेहतर है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में दिवाली पर सिर्फ ग्रीन पटाखे जलाने की इजाजत दी थी और समय भी निर्धारित किया था, लेकिन नियमों का पालन नहीं किया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कड़े नियमों के बावजूद दिल्ली-एनसीआर में सामान्य पटाखों की खूब खरीद-बिक्री हुई और देर रात तक पटाखे जलाए गए। कोर्ट के आदेश के बावजूद नियमों की अनदेखी की गई।
#WATCH | Delhi | Dr Dhiren Gupta, Co Director, Paediatric Pulmonologist, Sir Gangaram Hospital, says, Children s organs are delicate, and anything that affects delicate organs is more harmful... Pollution is detrimental to those suffering from asthma or other respiratory… pic.twitter.com/rPqKJmXDgC
— ANI (@ANI) October 21, 2025
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