दिल्ली में प्रदूषण का कहर: क्लाउड सीडिंग के लिए सरकार तैयार, IMD की मंजूरी का इंतजार, BJP-AAP में आरोप-प्रत्यारोप
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दिवाली के बाद दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर एक बार फिर चिंताजनक स्तर पर पहुंच गया है। शहर घनी धुंध की चादर से ढक गया है, जिसके जवाब में सरकार ने तत्काल प्रभाव से क्लाउड सीडिंग (कृत्रिम वर्षा) लागू करने का निर्णय लिया है।

इस बीच, प्रदूषण के बढ़ते स्तर ने राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू कर दिया है। दिल्ली AAP के अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, सरकार झूठ बोल रही है। दिवाली के बाद कृत्रिम वर्षा कराकर प्रदूषण ठीक करने का वादा किया था। क्या हुआ? कुछ नहीं। यदि कर सकते थे तो क्यों नहीं किया? क्या आप लोगों को बीमार बनाना चाहते हैं? उन्होंने सरकार पर निजी अस्पतालों के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया और GRAP-2 लागू होने के बावजूद प्रदूषण नियंत्रण में नाकामी पर सवाल उठाए।

बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने AAP पर पलटवार करते हुए कहा कि पराली जलाना प्रदूषण का मुख्य कारण है और इसके लिए AAP सरकार ही जिम्मेदार है। उन्होंने कहा, जब तक अरविंद केजरीवाल शासित पंजाब पराली जलाना बंद नहीं करेगा, दिल्ली और एनसीआर घुटती रहेगी। दीपावली को दोष मत दो - यह आम आदमी पार्टी का धुआं है, न कि त्योहार के दीपों या पटाखों का।

सूत्रों के अनुसार, 24 से 26 अक्टूबर के बीच मौसम के अनुकूल रहने की संभावना है, जिसके मद्देनजर सभी तकनीकी और जमीनी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। क्लाउड सीडिंग टीम और मशीनरी पूरी तरह से तैयार हैं और अब केवल भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) से मंजूरी का इंतजार है।

क्लाउड सीडिंग एक ऐसी तकनीक है जिसमें बादलों में सिल्वर आयोडाइड जैसे रसायनों का छिड़काव करके कृत्रिम बारिश करवाई जाती है। दिल्ली सरकार ने आईआईटी कानपुर के साथ मिलकर इस परियोजना को तैयार किया है, जिसके तहत उत्तर-पश्चिम दिल्ली के प्रदूषण प्रभावित इलाकों जैसे रोहिणी, बावना, अलीपुर में पांच परीक्षण उड़ानें आयोजित की जानी हैं। प्रत्येक उड़ान लगभग 90 मिनट की होगी और 100 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को कवर करेगी।

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने पहले ही मंजूरी दे दी है, लेकिन IMD की हरी झंडी के बिना उड़ानें संभव नहीं हैं। पर्यावरण मंत्री मंजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, हम पूरी तरह से तैयार हैं। IMD के अनुमोदन और उपयुक्त बादलों की स्थिति का इंतजार है।

यह परियोजना 3.21 करोड़ रुपये की है, जिसमें 2.75 करोड़ रुपये परीक्षणों के लिए और बाकी लॉजिस्टिक्स के लिए आवंटित हैं। IMD रीयल-टाइम डेटा जैसे बादल का प्रकार, ऊंचाई, हवा की दिशा और ओस बिंदु प्रदान करेगा।

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