झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों का ऑपरेशन क्लीन अब निर्णायक मोड़ पर है। जनवरी से सितंबर 2025 के बीच 32 खूंखार नक्सली मारे गए हैं, जबकि 266 को गिरफ्तार किया गया है।
इसके अतिरिक्त, 30 माओवादियों ने पुलिस के सामने अपने हथियार डालकर आत्मसमर्पण कर दिया है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अगले साल मार्च तक नक्सलवाद खत्म होने की बात कही है।
झारखंड पुलिस के आईजी (ऑपरेशन) माइकल राज एस ने बताया कि बीते 9 महीनों में नक्सल विरोधी अभियानों ने अभूतपूर्व परिणाम दिए हैं। नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में मारे गए लोगों में विवेक उर्फ प्रयाग मंजही और अनुज उर्फ सहदेव सोरेन जैसे दो कुख्यात नक्सली शामिल हैं। ये दोनों सीपीआई (माओवादी) की सेंट्रल कमेटी के सदस्य थे और प्रत्येक पर 1-1 करोड़ रुपए का इनाम घोषित था। पुलिस का कहना है कि इनकी मौत माओवाद के लिए एक निर्णायक झटका है।
उन्होंने बताया कि 2 रीजनल कमेटी मेंबर, 1 जोनल कमांडर, 2 सब-जोनल कमांडर और 9 एरिया कमांडर गिरफ्तार किए गए हैं। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में सीपीआई के जोनल कमांडर रविंद्र यादव, सब-जोनल कमांडर आनंद सिंह और झारखंड जन मुक्ति परिषद के सब-जोनल कमांडर लवलेश गंझू उर्फ लोकेश गंझू जैसे नाम शामिल हैं।
इस ऑपरेशन के दौरान बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किया गया है। जनवरी से सितंबर के बीच कुल 157 फायरआर्म्स जब्त किए गए हैं, जिनमें से 58 हथियार पुलिस से लूटे गए थे। इसके अलावा 11950 कारतूस, 18884 डेटोनेटर, 394 किलो विस्फोटक और 228 आईईडी बरामद किए गए हैं। सुरक्षा बलों ने 37 माओवादी बंकरों को भी नष्ट किया है।
ये ऑपरेशन झारखंड के जंगलों से लेकर सीमावर्ती इलाकों तक चलाए गए, जहाँ नक्सलियों का नेटवर्क गहराई तक फैला हुआ था। पुलिस ने नक्सलियों की आर्थिक रीढ़ पर भी करारा प्रहार किया है। इस दौरान 39.53 लाख रुपए की लेवी राशि जब्त की गई है, जिसे माओवादी संगठन फिरौती और जबरन वसूली के जरिए इकट्ठा करते थे।
पुलिस ने साइबर अपराध के खिलाफ भी बड़ा ऑपरेशन किया है। आईजी माइकल राज एस ने बताया कि अगस्त और सितंबर महीनों में साइबर अपराध से जुड़ी 128 एफआईआर दर्ज की गई हैं, जिनमें 105 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इस कार्रवाई में पुलिस ने 128 मोबाइल फोन, 166 सिम कार्ड, 60 एटीएम कार्ड, 15 पासबुक, दो लैपटॉप, 11 चेकबुक और 2.81 लाख रुपए नकद बरामद किए हैं।
पिछले 9 महीनों के आंकड़े बताते हैं कि झारखंड के जंगलों में लाल आतंक की जड़ें अब तेजी से कमजोर हो रही हैं। राज्य के अंदरूनी इलाकों में पुलिस और सीआरपीएफ के संयुक्त ऑपरेशन से माओवादियों की गतिविधियों पर न सिर्फ रोक लगी है, बल्कि कई पुराने गढ़ अब ध्वस्त हो चुके हैं। आने वाले महीनों में यह लड़ाई अपने अंतिम चरण में होगी।
डॉ० माईकलराज एस०, पुलिस महानिरीक्षक (अभियान), झारखंड द्वारा
— Jharkhand Police (@JharkhandPolice) October 14, 2025
आज दिनांक 14.10.2025 को
झारखण्ड राज्य में माह अगस्त एवं सितम्बर-2025 में पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई के संबंध में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। pic.twitter.com/vZel8CeMjm
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