यूपी में अपराधी लंगड़ा , बंगाल में सिस्टम लंगड़ा ?
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पश्चिम बंगाल में जहाँ रेप पीड़िता को नसीहत दी जाती है, वहीं यूपी में अपराधियों को चंद घंटों में लंगड़ा बना दिया जाता है। हाल की दो घटनाओं से इन दो राज्यों के मॉडलों का फर्क साफ दिखता है।

पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में एक मेडिकल छात्रा के साथ रेप की घटना से हंगामा मचा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के बदले छात्रा के देर रात हॉस्टल से बाहर निकलने पर सवाल उठा रही हैं।

दूसरी तरफ, यूपी के मेरठ में बच्चियों से रेप के मामले में पुलिस ने एक आरोपी का एनकाउंटर किया। 25 हजार के इनामी बदमाश शहजाद पर पहले से ही कई संगीन मामले दर्ज थे। जेल से छूटने के बाद उसने एक 7 साल की बच्ची का रेप किया और पीड़ित परिवार को धमकी भी दी। मुठभेड़ में वह मारा गया।

दुर्गापुर रेप केस में ममता बनर्जी ने पुलिस पर सवाल उठाने के बजाय मेडिकल कॉलेज प्रशासन से पूछा कि पीड़ित को आधी रात में बाहर क्यों जाने दिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि लड़कियों को रात में बाहर नहीं निकलना चाहिए। क्या एक महिला मुख्यमंत्री से ऐसे बयान की उम्मीद की जा सकती है?

वहीं, यूपी की योगी सरकार ने मेरठ एनकाउंटर के बाद एक बार फिर साबित किया है कि महिलाओं और बच्चियों से अपराध करने वालों का अंजाम बुरा होगा। योगी सरकार ने माफिया को मिट्टी में मिलाने से लेकर मर्डर और लूटपाट के आरोपियों के खिलाफ पिछले साढ़े 8 साल में जबरदस्त अभियान चलाया है।

यूपी पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में लगभग 15,000 एनकाउंटर हुए, जिनमें 30,000 से ज्यादा अपराधी पकड़े गए और 250 मारे गए। बंगाल में, ममता सरकार अपराधियों पर सख्ती दिखाने के बदले पीड़ित के खिलाफ ही खड़ी दिखाई देती है।

ममता बनर्जी की सरकार और उनकी पार्टी पहले भी रेप के मामलों को लेकर विवादों में रही हैं। जून 2025 में कोलकाता के लॉ कॉलेज में छात्रा से गैंगरेप केस में टीएमसी नेता मदन मित्रा ने कॉलेज बंद होने के बाद लड़की के अकेले जाने पर सवाल उठाए थे। अगस्त 2024 के आरजी कर केस के बाद पुलिस ने इसे आत्महत्या का मामला बनाने की कोशिश की थी। ममता बनर्जी ने कहा था कि महिला डॉक्टरों को नाइट ड्यूटी पर नहीं होना चाहिए।

इसके विपरीत, योगी सरकार ने मिशन शक्ति के जरिए महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और सशक्तिकरण के लिए अभियान चलाया है। गाजियाबाद और बागपत जैसे जिलों में पुलिस की महिला टीम ने अपराधियों का एनकाउंटर किया है।

NCRB की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, देश में प्रति लाख आबादी पर औसतन 448 अपराध दर्ज हुए, लेकिन यूपी में यह आंकड़ा 335 रहा। महिलाओं के खिलाफ सबसे ज्यादा अपराध के बावजूद यूपी ने दूसरे राज्यों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है।

2022 की NCRB रिपोर्ट के मुताबिक, महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में यूपी में सजा की दर 71 प्रतिशत है जो देश में सबसे ज्यादा है। NCRB की रिपोर्ट में यूपी में सांप्रदायिक दंगों की संख्या शून्य बताई गई है।

हाल ही में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून विरोधी प्रदर्शन के दौरान दंगा हुआ, जबकि यूपी के बरेली में आई लव मोहम्मद प्रदर्शन के दौरान दंगे की कोशिश की गई। मुर्शिदाबाद में प्रदर्शन के नाम पर हिंदुओं के घरों को जलाया गया और उन्हें पलायन के लिए मजबूर किया गया। वहीं, बरेली में हिंसा की साजिश नाकाम की गई और साजिश रचने वालों को सबक सिखाया गया।

दुर्गापुर रेप केस में कॉलेज को जिम्मेदार ठहराने वाली ममता बनर्जी कहीं अपने कार्यकर्ता की गिरफ्तारी की वजह से तो ऐसा बयान नहीं दे रही हैं? रेप केस में गिरफ्तार आरोपियों में से एक टीएमसी का कार्यकर्ता बताया जा रहा है।

दूसरी तरफ, टीएमसी विधायक शौकत मोल्ला खुलेआम अपने विरोधियों को धमका रहे हैं।

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