मध्य प्रदेश के दमोह जिले के पटेरा ब्लॉक के सतरिया गांव से एक मानवता को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है। एक युवक को कथित तौर पर जातीय दबाव में न सिर्फ अपमानित किया गया, बल्कि उसे ब्राह्मण युवक के पैर धोकर पानी पीने को मजबूर भी किया गया।
यह पूरी घटना कैमरे में कैद हो गई और वीडियो वायरल होते ही इलाके में सनसनी फैल गई है। कुशवाहा समाज के परसोत्तम कुशवाहा को ब्राह्मण समाज के अन्नू पांडे के पैर धुला पानी पीने और पूरे समाज से माफी मांगने को मजबूर किया गया। साथ ही उससे 5100 रुपये का जुर्माना भी वसूला गया।
ये सब गांव में लागू शराबबंदी से जुड़ा है। दरअसल, गांव वालों ने सर्वसम्मति से शराबबंदी का फैसला लिया था, लेकिन आरोप है कि अन्नू पांडे चोरी-छिपे शराब बेच रहे थे। पकड़े जाने पर गांव की पंचायत ने उन्हें पूरे गांव से माफी मांगने और 2100 रुपये का जुर्माना भरने की सजा दी, जिसे अन्नू पांडे ने स्वीकार कर लिया था।
लेकिन कुछ दिनों बाद, परशुराम कुशवाहा ने अन्नू की एक AI से बनी तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी, जिसमें अन्नू को जूतों की माला पहने दिखाया गया था। तस्वीर वायरल होते ही विवाद बढ़ गया। परशुराम ने तस्वीर 15 मिनट के भीतर हटा दी और माफ़ी मांग ली, पर तब तक मामला ब्राह्मण समाज के अपमान के रूप में फैल चुका था।
इसके बाद गांव और आसपास के इलाके के ब्राह्मण समुदाय के लोग एकजुट हुए और पंचायत बुला ली। पंचायत ने परशुराम को प्रायश्चित के नाम पर अपमानजनक सजा दी। उसे ब्राह्मण युवक के पैर धोकर पानी पीने और पूरे समुदाय से माफी मांगने के लिए मजबूर किया गया। वीडियो में घुटनों पर झुका परशुराम अन्नू पांडे के पैर धोते हुए देखा जा सकता है।
वीडियो वायरल होने के बाद दोनों पक्ष इसे आपसी मामला बताकर दबाने की कोशिश कर रहे हैं। पीड़ित परसोत्तम कुशवाहा ने वीडियो जारी कर कहा है कि अन्नू पांडे उनके पारिवारिक गुरु हैं। उन्होंने लोगों से वीडियो को वायरल न करने की अपील की है और कहा है कि वे अपनी गलती के लिए माफी मांग चुके हैं और इसे राजनीतिक मुद्दा न बनाया जाए। उन्होंने एसपी-कलेक्टर और थाना प्रभारी से वायरल वीडियो को हटाने का आग्रह किया है।
परसोत्तम का कहना है कि अन्नू पांडे और उनका गुरु-शिष्य का रिश्ता है और उन्होंने अपनी इच्छा से उनके पैर धोकर माफी मांगी थी।
पुलिस और प्रशासन अभी तक औपचारिक शिकायत का इंतजार कर रहे हैं। दमोह पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि मामले में कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है, लेकिन वीडियो की जांच की जा रही है।
यह घटना उस समय सामने आई है, जब राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की 2023 की रिपोर्ट बताती है कि देश में अनुसूचित जातियों के खिलाफ अपराध के 57,789 मामले दर्ज हुए, जिनमें मध्य प्रदेश 8,232 मामलों के साथ तीसरे स्थान पर है।
*शर्मनाक! पैर नहीं, इंसानियत धुली है!
— NDTV India (@ndtvindia) October 12, 2025
मध्य प्रदेश के दमोह जिले के पटेरा ब्लॉक के सतरिया गांव का एक मामला मानवीय संवेदनाओं को झकझोर देने वाला है. यहां कुशवाहा समाज के एक युवक को सजा के तौर पर अर्थदंड के साथ ब्राह्मण समाज के युवक के पैर धोकर पानी पीने को कहा गया. वीडियो वायरल होने… pic.twitter.com/OSvAIhyQI8
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