पश्चिम बंगाल में SIR से ममता बनर्जी क्यों डरीं? क्या सड़कों पर उतरेंगे लोग?
News Image

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी स्पेशल इंटेंसिव रिवीज़न (SIR) को लेकर चिंतित नज़र आ रही हैं. वह इशारों में धमकी दे रही हैं कि अगर चुनाव आयोग ने बंगाल में SIR प्रक्रिया शुरू की तो लोग भड़क जाएंगे. बीजेपी का कहना है कि ममता का यह बयान दंगा भड़का सकता है.

सवाल यह है कि ममता बनर्जी को वोटर लिस्ट की समीक्षा से क्या परेशानी है? वह लोगों की ताकत का हवाला क्यों दे रही हैं? क्या वह लोगों को सड़कों पर उतारना चाहती हैं? वोटर लिस्ट से नाम हटने की आशंका कम होती है, और अगर ऐसा होता है तो लोग अदालत जा सकते हैं. ऐसे में ममता को किसका नाम कटने का डर है?

बीजेपी का आरोप है कि राज्य में एक करोड़ घुसपैठियों का नाम वोटर लिस्ट में है. क्या ममता को बांग्लादेशी घुसपैठियों का नाम कटने का डर है? जिस राज्य की मुख्यमंत्री अशांति की धमकी दे, वहां कानून-व्यवस्था का भगवान ही मालिक है.

ममता बनर्जी खुद कई बार हिंसा का सामना कर चुकी हैं. 1990 में उन पर लाठी-डंडों से हमला हुआ था, और 1993 में वोटर आईडी कार्ड की मांग को लेकर प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया था. 2021 में नंदीग्राम में नामांकन दाखिल करने के बाद उनके पैर में चोट लगी थी.

लेकिन अब ममता बनर्जी इशारों में हिंसा भड़काने की बात कर रही हैं. कुछ दिन पहले जलपाईगुड़ी में बीजेपी सांसद और विधायक पर जानलेवा हमला किया गया, लेकिन ममता ने सांसद की चोट को साधारण बताकर आरोपों से पीछा छुड़ा लिया.

बिहार के बाद चुनाव आयोग ने पूरे देश में वोटर लिस्ट के वेरिफिकेशन की बात कही है. बिहार में वोटर लिस्ट की समीक्षा का विरोध हुआ था, लेकिन इसके बावजूद चुनाव आयोग ने इसे पूरा किया और वहां लगभग 47 लाख लोगों के नाम वोटर लिस्ट से काटे गए.

बंगाल में वोटर लिस्ट में और भी ज़्यादा संख्या में ग़लत मतदाताओं के नाम होने के आरोप लगते रहे हैं क्योंकि बंगाल के कई ज़िले बांग्लादेश के बॉर्डर से सटे हैं. इसी वजह से 23 साल बाद बंगाल में SIR की प्रक्रिया को लागू करने की तैयारी चल रही है, लेकिन ममता बनर्जी को यह पसंद नहीं है.

ममता बनर्जी SIR को पिछले दरवाज़े से NRC लागू करने का आरोप लगाकर लोगों को डरा रही हैं और उन्हें हिंसा के लिए उकसा रही हैं. अभी तक केंद्र सरकार के बनाए कानून को लेकर लोगों में डर फैलाकर दंगे कराए जाते थे. 2019 में नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर मुसलमानों में डर फैलाया गया कि उनकी नागरिकता छीन ली जाएगी.

हाल के महीनों में वक़्फ़ क़ानून को लेकर इसी तरह का डर फैलाया गया कि मुसलमानों की मस्जिद छिन जाएगी. इस डर के नाम पर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में दंगे हुए जहां हिंदुओं के घरों और दुकानों को जलाया गया. अब ममता बनर्जी खुद SIR के नाम पर भड़काने वाली बात कर रही हैं. ऐसे में यह डर होना स्वाभाविक है कि राज्य में कहीं एक और दंगा तो नहीं होगा.

*

कुछ अन्य वेब स्टोरीज

Story 1

अफगानिस्तान: विदेश मंत्री ने भारतीयों को दिया नौकरी का न्योता, अस्पतालों, खदानों और बिजली क्षेत्र में काम करने का अवसर

Story 1

करोड़ों का नकद पुरस्कार, सोने का मेडल: नोबेल विजेता मारिया कोरिना मचाडो को क्या मिलेगा?

Story 1

मोहम्मद अजहरुद्दीन बने कप्तान, संजू सैमसन को भी मिली केरल टीम में जगह!

Story 1

यशस्वी जायसवाल ने दिल्ली टेस्ट में मचाई धूम, विराट कोहली के रिकॉर्ड की बराबरी!

Story 1

OMG! IAS की विदाई पर उमड़ा जनसैलाब, पालकी में बैठाकर किया सम्मान, वायरल हुई तस्वीर

Story 1

अफगानिस्तान की चेतावनी: हमारे साथ खेल खेलना अच्छी बात नहीं, पहले...

Story 1

दिल्ली टेस्ट में यशस्वी जायसवाल का जलवा, 3000 इंटरनेशनल रन पूरे!

Story 1

आखिरकार चिराग पासवान ने तोड़ी चुप्पी, सीट बंटवारे पर दिया बड़ा बयान

Story 1

दिल्ली में भी अहमदाबाद जैसा सन्नाटा : विराट के लिए भरा था कोटला, बेजान वेस्टइंडीज को देखने कौन जाए!

Story 1

ट्रंप को नहीं मिला नोबेल शांति पुरस्कार, वेनेजुएला की मारिया मचाडो को मिला सम्मान