छत्तीसगढ़ के सर्रागोंदी गांव से एक हृदयविदारक दृश्य सामने आया है। यहां एक बुजुर्ग महिला कटे हुए पीपल के पेड़ को पकड़कर बिलख-बिलख कर रो रही हैं। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसे लोग प्रकृति के प्रति प्रेम और गहरी भावना से जोड़कर देख रहे हैं।
बताया जा रहा है कि दादी मां ने 20 साल पहले अपने हाथों से इस पीपल के पेड़ को लगाया था। वह इसे अपने बेटे की तरह मानती थीं। पेड़ को नियमित रूप से पानी देती थीं और उसकी पूजा भी करती थीं। जब पेड़ को काटा गया, तो वह अपने दुःख को रोक नहीं पाईं और फूट-फूट कर रोने लगीं। उनके रुदन को सुनकर किसी का भी कलेजा फट सकता है।
ग्रामीणों का आरोप है कि एक जमीन व्यापारी के कहने पर इस पेड़ को कटवाया गया है। ग्रामीणों ने इस घटना के विरोध में प्रदर्शन भी किया है और अब यह मामला प्रशासन के संज्ञान में है।
इस वीडियो को देखने के बाद लोगों में पेड़ काटने वालों के प्रति आक्रोश है, वहीं कई लोग दादी मां के दुःख से भावुक हो रहे हैं। सोशल मीडिया पर लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
एक यूजर ने लिखा, प्रकृति के बीच रहने वाला ही इसका महत्व समझता है। पेड़-पौधे, नदी, झरने, पहाड़, तालाब उसका जीवन हैं, परिवार हैं। परिवार के सदस्य के बिछड़ने का गम किसको नहीं होता है?
एक अन्य यूजर ने लिखा, यह पीपल का पेड़ था इसलिए रो रही हैं... ये पीपल की पूजा करती होंगी।
लोगों का कहना है कि पेड़ सिर्फ प्रकृति का हिस्सा नहीं होते, बल्कि भावनाएं और यादें भी उनसे जुड़ी होती हैं।
एक व्यक्ति ने यह भी लिखा कि हरा पेड़ काटने वाला एक दिन उसी दर्द को सहेगा, जो आज यह बूढ़ी दादी सह रही हैं। कर्मफल हमेशा वापस आता है।
एक अन्य टिप्पणी में कहा गया है कि अपना पुत्र धोखा दे सकता है, पर आपके लगाए पेड़ कभी आपको धोखा नहीं दे सकते। पहले एक पुत्र होने पर पांच पेड़ लगाए जाते थे, और अब पेड़ काट कर खेत बनाए जाते हैं।
एक यूजर ने लिखा, इंसान के जज्बातों की कोई कद्र नहीं रही है आजकल। पेड़ों में हम आदिवासी लोगों की जान बस्ती है। दर्द वही समझ सकते हैं जिसने लगाया है। पेड़ों की कटाई नहीं करना चाहिए, इनको बच्चों की तरह पाला जाता है।
एक अन्य यूजर ने आरोप लगाया कि प्रशासन को सब कुछ पहले से पता होता है, लेकिन सब कुछ सेट रहता है। व्यापारी नेता से जुड़ा होता है और नेता पुलिस-प्रशासन को नियंत्रित कर लेता है। कुल मिलाकर पैसा सबको मिलता है। ग्रामीणों की लिखित शिकायत पर भी पुलिस नहीं आती है, लेकिन जब ग्रामीण दलालों का काम रोक दें तो बिना शिकायत के आ जाती है।
*20 साल पहले जिसे अपने हाथों से लगाया था उस पेड़ के कटने के बाद फूट-फूट कर रोई माता जी,
— Manish Yadav (@itsmanish80) October 10, 2025
सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल है लोग इसे प्रकृति के प्रति प्यार और भावनाओं से जोड़कर देख रहे हैं,
मामला छत्तीसगढ़ के सर्रागोंदी गांव का है, ग्रामीणों का आरोप है कि एक जमीन व्यापारी के इशारे… pic.twitter.com/Gsma2MVz9e
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