दुनिया के एक कोने में रूस-यूक्रेन युद्ध चल रहा है, लेकिन मध्य पूर्व में एक जंग थम गई है। इजरायल और हमास शांति समझौते के लिए तैयार हो गए हैं, जिसकी घोषणा डोनाल्ड ट्रंप ने की है। यह घोषणा 10 अक्टूबर को नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा से ठीक पहले हुई है।
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेट और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ सहित कई बड़े नेता ट्रंप को नोबेल पुरस्कार देने की मांग कर चुके हैं। आर्मेनिया और अजरबैजान भी इस दौड़ में शामिल हैं।
ट्रंप ने कहा, बुधवार रात, मध्य पूर्व में हमें एक महत्वपूर्ण सफलता मिली, जिसके बारे में लोगों का कहना था कि यह कभी नहीं हो पाएगा। हमने गाजा में युद्ध खत्म कर दिया है, और मुझे लगता है कि यह एक स्थायी शांति होगी, शायद हमेशा के लिए। हमने सभी बंधकों की रिहाई सुनिश्चित कर ली है, और उन्हें सोमवार या मंगलवार को रिहा कर दिया जाना चाहिए। उन्हें रिसीव करना एक जटिल प्रक्रिया है। मैं वहां जाने की कोशिश करूंगा। हम मिस्र जाएंगे, जहां हम एक हस्ताक्षर करेंगे, एक एक्स्ट्रा साइन। मेरे प्रतिनिधित्व में एक दस्तखत पहले ही हो चुका है, लेकिन हम एक आधिकारिक दस्तखत करने जा रहे हैं।
शांति प्रस्ताव का पहला चरण हमास द्वारा बंधकों की रिहाई और इजरायली सैनिकों की चरणबद्ध वापसी से शुरू होगा। यह अमेरिकी राष्ट्रपति के 20-सूत्रीय शांति योजना का पहला चरण है।
दो साल पहले 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर बर्बर हमला किया था, जिसमें लगभग 1,250 इजरायली नागरिक मारे गए थे और लगभग 250 लोगों को बंधक बना लिया गया था। इजरायल ने जवाबी कार्रवाई करते हुए हमास को गाजा से लगभग खत्म कर दिया। हमास के सभी शीर्ष नेता मारे गए। हालांकि, इजरायल की कार्रवाई से गाजा पूरी तरह मलबे में तब्दील हो गया।
हमास और इजरायल के बीच शांति समझौते से दुनिया में एक नई उम्मीद जगी है, यह उम्मीद कि रूस और यूक्रेन के बीच भी जल्द ही युद्ध समाप्त हो सकता है।
डोनाल्ड ट्रंप और उनके अधिकारी काफी समय से उनके लिए नोबेल पुरस्कार की मांग कर रहे हैं। ट्रंप का दावा है कि उन्होंने 7 युद्ध रुकवाए हैं, जिसमें पाकिस्तान के खिलाफ भारत द्वारा चलाया गया ऑपरेशन सिंदूर भी शामिल है। हालांकि भारत ने इस दावे को खारिज कर दिया था।
अगस्त में खबरें आई थीं कि ट्रंप ने नॉर्वे को धमकी दी थी कि अगर उन्हें नोबेल नहीं मिला तो वे टैरिफ लगा देंगे।
विशेषज्ञों का कहना है कि नोबेल समिति विजेता का चुनाव करते वक्त स्थायी और वास्तविक कोशिशों को तरजीह देती है, न कि मीडिया को दिखाने वाले दावों और डिप्लोमेसी जीत को। हाल के अपने बयानों में, ट्रंप ने खुद कहा है कि उन्हें नोबेल मिलने की संभावना कम है।
10 अक्टूबर को नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा की जाएगी, और तब पता चलेगा कि ट्रंप की उम्मीदें पूरी होती हैं या नहीं।
#WATCH | US President Donald Trump says, Last night, we reached a momentous breakthrough in the Middle East, something that people said was never going to be done. We ended the war in Gaza, and I think it s going to be a lasting peace, hopefully, an everlasting peace. We secured… pic.twitter.com/Yb4PoykPA5
— ANI (@ANI) October 9, 2025
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