मध्य प्रदेश में एक जानलेवा कफ सिरप बच्चों के लिए काल बन गया है। बैतूल में कथित तौर पर कफ सिरप पीने से दो बच्चों की मौत का दावा किया जा रहा है। इससे पहले छिंदवाड़ा में कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने से 11 बच्चों की जान जा चुकी है।
बैतूल जिले के आमला प्रखंड में इसी कफ सिरप को पीने से दो बच्चों की मौत होने की आशंका है। बैतूल के कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी का कहना है कि दोनों बच्चों का इलाज जिले के किसी भी सरकारी या निजी अस्पताल में नहीं हुआ, और न ही जिले में कोल्ड्रिफ सिरप की बिक्री पाई गई है। हालांकि, बच्चों के बैतूल निवासी होने के कारण मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है।
आमला प्रखंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. अशोक नरवारे के अनुसार, दोनों बच्चों को बुखार के इलाज के लिए पड़ोसी छिंदवाड़ा जिले के परासिया ले जाया गया, जहां उनकी हालत बिगड़ गई। अभी तक यह पुष्टि नहीं हो पाई है कि मौतें सिरप की वजह से हुई हैं या नहीं। उन्हें विस्तृत जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।
डॉ. नरवारे ने बताया कि दोनों बच्चों में गुर्दे की समस्या और पेट में सूजन जैसे लक्षण विकसित हुए, जिसके बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए भोपाल भेजा गया। पोस्टमार्टम नहीं किया गया, लेकिन गुर्दे की गंभीर जटिलताओं की रिपोर्ट मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को भेजी गई है।
मृतक बच्चों के परिजनों का आरोप है कि कबीर की मौत परासिया के चिकित्सक डॉ. प्रवीण सोनी के परामर्श पर कोल्ड्रिफ सिरप के सेवन के बाद हुई। डॉ. सोनी को गिरफ्तार कर सेवा से निलंबित कर दिया गया है।
मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने बच्चों की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए बताया कि सिरप की रिपोर्ट में 48.6% डायएथेनॉल मिला, जो एक प्रतिबंधित रसायन है। इसके बाद पूरे प्रदेश में इस कफ सिरप की बिक्री बंद कर दी गई है। उन्होंने यह भी कहा कि रिपोर्ट आने से पहले ही जबलपुर स्थित कोल्ड्रिफ कफ सिरप के सबसे बड़े स्टॉकिस्ट को सील कर दिया गया था, ताकि दवा की बिक्री न हो। सरकार मामले को गंभीरता से ले रही है।
छिंदवाड़ा के ADM धीरेंद्र सिंह ने बताया कि कफ सिरप पीने से मौत के मामले में 8 बच्चे नागपुर अस्पताल में भर्ती हैं और उनकी निगरानी के लिए टीम बनाई गई है। ड्रग कंट्रोलर की टीम छिंदवाड़ा और आसपास के जिलों के मेडिकल स्टोर्स की तलाशी ले रही है और प्रतिबंधित दवाइयां जब्त कर रही है। पुलिस जांच कर रही है और SIT का गठन किया गया है। मृतक बच्चों के परिजनों को मुआवजा दिया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ में भी कफ सिरप पर प्रतिबंध की तैयारी है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि वे रिपोर्ट मंगा रहे हैं और अगर कफ सिरप दूषित पाया गया तो उस पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।
मध्य प्रदेश सरकार ने सिरप की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। जबलपुर में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने कातारिया फार्मास्युटिकल्स के डिस्ट्रीब्यूटर के गोदाम को सील कर दिया है। ड्रग कंट्रोलर की टीम छिंदवाड़ा और आसपास के जिलों के मेडिकल स्टोर्स की तलाशी ले रही है और प्रतिबंधित दवाइयों को जब्त किया जा रहा है।
*#WATCH | रीवा: मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने छिंदवाड़ा में कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत पर कहा, ...तमिलनाडु की फैक्ट्री से प्राप्त सिरप की रिपोर्ट देर रात आई। जब वह रिपोर्ट आई, तो मौत का कारण 48.6% डायएथेनॉल निकला, जो एक प्रतिबंधित रसायन है। इसे तुरंत पूरे… pic.twitter.com/B7s6B9m79T
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 5, 2025
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