श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने सुरक्षा बलों से आग्रह किया है कि वे कश्मीर में सार्वजनिक खेल के मैदानों को सुरक्षा प्रतिष्ठानों में न बदलें। उन्होंने चेतावनी दी है कि युवाओं को मनोरंजन स्थलों से वंचित करने के दीर्घकालिक परिणाम होंगे।
पीडीपी नेता ने तीन खेल के मैदानों का उल्लेख किया, जिनमें से दो श्रीनगर में और एक बारामूला में है। उन्होंने कहा कि सेना, पुलिस और सीआरपीएफ इन खुले स्थानों पर कब्जा कर रहे हैं या बाड़ लगा रहे हैं, जो दशकों से स्थानीय लोगों और युवाओं के खेल के मैदान के रूप में काम करते थे।
चट्टाबल स्थित तबेला ग्राउंड और श्रीनगर के बरज़ुल्ला स्थित एमईटी स्कूल ग्राउंड के दौरे के दौरान, पीडीपी नेता ने स्थानीय लोगों और पार्टी कार्यकर्ताओं से बातचीत की।
तबेला ग्राउंड में बोलते हुए उन्होंने कहा, युवा वर्षों से इस मैदान का उपयोग खेल गतिविधियों के लिए करते आ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने हाल ही में अपने मन की बात कार्यक्रम में जम्मू-कश्मीर के युवाओं की खेलों में भाग लेने के लिए सराहना की। हम समझते हैं कि इस मैदान का सामाजिक महत्व है क्योंकि स्थानीय लोग इसका उपयोग शादियों, अंतिम संस्कारों और खेलों के लिए करते हैं।
उन्होंने बताया कि निवासियों ने उन्हें बताया है कि सेना मैदान पर बाड़ लगा रही है और इसे अपने इस्तेमाल के लिए ले सकती है, जिससे आम लोगों की पहुँच सीमित हो जाएगी।
महबूबा ने कहा, मैं (श्रीनगर स्थित सेना के) कोर कमांडर से आग्रह करती हूँ कि मैदान को युवाओं और स्थानीय लोगों के लिए ही रखा जाए। लोगों को आशंका है कि सेना को इसका इस्तेमाल किसी और काम के लिए नहीं करना चाहिए।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली निर्वाचित सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए हस्तक्षेप करना चाहिए कि मैदान जनता के लिए खुला रहे। उन्होंने कहा, निर्वाचित सरकार को युवाओं और खेलों के लिए इन मैदानों को बनाए रखने के लिए सेना से बात करनी चाहिए।
महबूबा ने आगे बताया कि पुलिस ने शहीद स्मारक बनाने के लिए बरज़ुल्ला स्थित एमईटी ग्राउंड पर कब्ज़ा कर लिया है, जबकि सीआरपीएफ बारामूला के शीरी स्थित एक अन्य ग्राउंड पर कब्ज़ा कर रही है। उन्होंने कहा, एमईटी ग्राउंड का इस्तेमाल स्थानीय लोग 70 सालों से खेल गतिविधियों के लिए करते आ रहे हैं।
उन्होंने इन खेल के मैदानों को छीनने से युवाओं पर पड़ने वाले सामाजिक प्रभावों की चेतावनी दी। उन्होंने कहा, जब आप युवाओं का गला घोंट देंगे, उनके खेल के मैदानों को दूसरे कामों में बदल देंगे, तो युवा कहाँ जाएँगे? अगर सरकार हमारे युवाओं को जगह नहीं दे सकती, तो हम कैसा भविष्य बना रहे हैं? खेल के मैदान छीनने से एक पीढ़ी का गला घुट जाएगा।
महबूबा ने सोशल मीडिया पर लिखा कि नौजवानों को किनारे नहीं किया जाना चाहिए, ऐसा करने के दीर्घकालिक गंभीर परिणाम हो सकते हैं। नागरिक उपयोग के लिए इन स्थानों का संरक्षण केवल भूमि के बारे में नहीं है, यह हमारे युवाओं के लिए आशा, अवसर और अपनेपन की भावना की रक्षा के बारे में है।
*Visited Tabela Ground in Chattabal and MET Ground in Baghat Barzulla today.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) October 1, 2025
There is growing concern among the local residents, especially the youth, that these vital open spaces regularly used for sports and recreational activities might be taken over by Army or Police forces.… pic.twitter.com/q09znIFsb5
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