ऑपरेशन सिंदूर: भारत ने रात 1:00 से 1:30 बजे के बीच हमला क्यों किया? CDS ने बताई वजह
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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बीते 22 अप्रैल को आतंकवादियों ने बैसरन घाटी में पर्यटकों को निशाना बनाया था। इस हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक मारे गए थे।

भारत ने इस आतंकी हमले का जवाब ऑपरेशन सिंदूर के तहत दिया। भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर में स्थित 9 आतंकवादी ठिकानों पर हमला किया। अनुमान है कि इस ऑपरेशन में 100 से ज्यादा आतंकवादियों को मार गिराया गया।

खास बात यह है कि भारत ने यह हमला रात के 1:00 से 1:30 बजे के बीच किया था। इस समय को चुनने के पीछे की वजह का खुलासा करते हुए सीडीएस (Chief of Defence Staff) जनरल अनिल चौहान ने महत्वपूर्ण जानकारी दी है।

रांची में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जनरल चौहान ने बताया कि हमले के लिए रात का समय इसलिए चुना गया क्योंकि इसके दो मुख्य कारण थे।

पहला कारण था, भारतीय सेना की अपनी क्षमताओं पर पूरा भरोसा। वे जानते थे कि रात में हमला करने के बावजूद वे उच्च गुणवत्ता वाली तस्वीरें और सबूत इकट्ठा करने में सक्षम होंगे।

दूसरा और अधिक महत्वपूर्ण कारण नागरिकों की जान बचाना था। जनरल चौहान के अनुसार, सुबह 5:30 से 6:00 बजे का समय हमले के लिए आदर्श होता, क्योंकि उस समय उजाला हो जाता है। लेकिन यह समय पहली अजान या नमाज का भी होता है।

उन्होंने बताया कि उस समय बहावलपुर और मुरीदके में लोगों की चहल-पहल शुरू हो जाती, जिससे कई निर्दोष नागरिक मारे जाते। भारत सरकार नागरिकों को हताहत होने से बचाना चाहती थी, भले ही उनका आतंकवाद से कोई संबंध हो या न हो।

जनरल चौहान ने यह भी बताया कि 7 मई की रात मौसम के लिहाज से भी उपयुक्त थी। इसके अतिरिक्त, भारतीय सेना आतंकियों की गतिविधियों पर नजर रख रही थी। वे जानते थे कि आतंकी कितने बजे उठते हैं और अपने बेस में कब लौटते हैं। इन सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए, रात 1:00 से 1:30 बजे के बीच का समय हमले के लिए सबसे उपयुक्त समझा गया।

सीडीएस अनिल चौहान ने उरी और बालाकोट स्ट्राइक के बारे में भी बात की। उन्होंने बताया कि उरी हमले के बाद भारतीय सेना जमीनी रास्ते से गई थी, जबकि बालाकोट में एयर फोर्स ने लगभग 50 हवाई जहाजों का इस्तेमाल किया था। उन्होंने जोर देकर कहा कि सैन्य अभियानों में नवीनता आवश्यक है, क्योंकि हर बार एक ही रणनीति का उपयोग करने से सफलता की संभावना कम हो जाती है। इसलिए, आक्रमण में आश्चर्य का तत्व बनाए रखना महत्वपूर्ण है।

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