क्या 50% टैरिफ पर ट्रंप लेंगे यू-टर्न? भारत-अमेरिका ट्रेड डील पटरी पर!
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भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता एक बार फिर से शुरू हो गई है। टैरिफ और ट्रेड पर बातचीत के लिए अमेरिकी टीम भारत आई हुई है।

दिल्ली में भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड और टैरिफ को लेकर वार्ता हुई, जो सकारात्मक रही। कयास लगाए जा रहे हैं कि अमेरिका भारत पर लगाए गए 50 फीसदी टैरिफ को हटा सकता है या कम कर सकता है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहले भारत पर 25 फीसदी का अतिरिक्त टैरिफ लगाकर कुल 50 फीसदी टैरिफ कर दिया था, जिससे दोनों देशों के रिश्तों में खटास आई थी। लेकिन हाल ही में ट्रंप ने पीएम मोदी की तारीफ की थी और जल्द ही चीजें ठीक होने के संकेत दिए थे।

पीएम मोदी ने भी अमेरिका और प्रेसिडेंट ट्रंप को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी थी। इसके बाद अमेरिकी टीम भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौता वार्ता के लिए भारत आई।

दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते के लिए पहले पांच दौर की वार्ता हो चुकी है। अगस्त में प्रस्तावित अंतिम दौर की वार्ता स्थगित कर दी गई थी। पिछले कुछ महीनों से भारत और अमेरिका अंतरिम व्यापार समझौते के लिए बातचीत कर रहे हैं।

भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौता वार्ता के मुख्य वार्ताकार ब्रेंडन लिंच के नेतृत्व में संयुक्त राज्य अमेरिका व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय के अधिकारियों की एक टीम ने 16 सितंबर, 2025 को भारत का दौरा किया।

उन्होंने भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते सहित भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों पर वाणिज्य विभाग के विशेष सचिव के नेतृत्व में वाणिज्य विभाग के अधिकारियों के साथ चर्चा की।

इस दौरान भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार के महत्व को स्वीकार करते हुए, व्यापार समझौते के विभिन्न पहलुओं पर सकारात्मक और दूरदर्शी चर्चा हुई। पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार समझौते को शीघ्रता से संपन्न करने के लिए प्रयास तेज होंगे।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 फीसदी का टैरिफ लगाया है, जिससे भारत से अमेरिका जाने वाले सामानों पर अमेरिकी सरकार 50 फीसदी का टैक्स वसूल रही है।

ट्रंप ने भारत पर सबसे पहले 25 फीसदी का टैरिफ लगाया था, उसके बाद उन्होंने अतिरिक्त 25 फीसदी का टैरिफ लगाया। उन्होंने यह कहते हुए लगाया कि भारत रूस से तेल की खरीदारी करता है, जिससे रूस को यूक्रेन के साथ युद्ध करने में मदद मिलती है।

हालांकि, भारत ने स्पष्ट किया था कि भारत सरकार अपनी जनता के हित के लिए जो सही होगा और राष्ट्रहित में जो कुछ भी होगा, वो करेगी। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने यह भी स्पष्ट किया था कि भारत नहीं बल्कि चीन रूस से सबसे अधिक तेल खरीदता है।

गौरतलब है कि ट्रंप ने चीन पर कोई भारी भरकम टैरिफ नहीं लगाया है। अब एक बार फिर से भारत और अमेरिकी के बीच व्यापार वार्ता सही होती दिख रही है।

भारत और अमेरिका ने इस वर्ष मार्च में एक न्यायसंगत, संतुलित और पारस्परिक रूप से लाभकारी द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) के लिए वार्ता शुरू की, जिसका लक्ष्य अक्टूबर-नवंबर 2025 तक समझौते के पहले चरण को पूरा करना है।

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