भंडारा से गढ़चिरोली तक नया हाईवे, राज्य में बनेंगे नए शेतकरी भवन!
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महाराष्ट्र कैबिनेट ने मंगलवार को 8 महत्वपूर्ण निर्णय लिए। इनमें भंडारा से गढ़चिरोली तक नए एक्सप्रेस-वे का निर्माण, राज्य भर में किसानों के लिए नए शेतकरी भवनों का निर्माण और अन्य कई महत्वपूर्ण योजनाएं शामिल हैं।

भंडारा से गढ़चिरोली तक 94 किलोमीटर लंबा नया एक्सप्रेस-वे बनेगा। इस परियोजना के संशोधित डिजाइन को मंजूरी दी गई है। महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम इस परियोजना को पूरा करेगा। भूमि अधिग्रहण और सहायक व्यय के लिए 931.15 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं। इससे भंडारा से गढ़चिरोली की यात्रा 23 किलोमीटर कम हो जाएगी और यात्रा का समय घटकर डेढ़ घंटे रह जाएगा।

महाराष्ट्र राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी (महानिर्मिती) और सतलुज जलविद्युत निगम लिमिटेड मिलकर 5000 मेगावाट की नवीकरणीय ऊर्जा परियोजना स्थापित करेंगे। केंद्र सरकार के 2070 तक कार्बन उत्सर्जन शून्य करने के लक्ष्य में योगदान देने के लिए राज्य सरकार ने 2030 तक 50 प्रतिशत और 2047 तक 75 प्रतिशत बिजली उत्पादन नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से करने का लक्ष्य रखा है।

सामाजिक न्याय एवं विशेष सहायता विभाग द्वारा संचालित पिछड़ा वर्ग के सरकारी छात्रावासों में छात्रों के लिए निर्वाह भत्ते में वृद्धि की गई है। लड़कियों के लिए स्वच्छता एवं सफाई भत्ते को भी मंजूरी दी गई है। इस वृद्धि से प्रतिवर्ष 80 करोड़ 97 लाख 83 हजार 146 रुपये का अतिरिक्त व्यय होगा।

राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज शेतकरी भवन योजना को दो वर्षों के लिए बढ़ाया गया है। इसके तहत कृषि उपज बाजार समिति परिसर में किसानों को आवास और बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने के लिए शेतकरी भवनों का निर्माण किया जाएगा। इस योजना के लिए कुल 132.48 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। वित्तीय वर्ष 2025-26 में शेतकरी भवन के निर्माण के लिए अब तक 79 नए प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 45 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है।

नागपुर, काटोल, कलमेश्वर, मोर्शी और संग्रामपुर में आधुनिक संतरा प्रसंस्करण केंद्र स्थापित करने की योजना को दो साल का विस्तार मिला है। लगभग 25 से 30 प्रतिशत संतरे के फल तुड़ाई के बाद नष्ट हो जाते हैं।

राज्य में अवसंरचना परियोजनाओं पर कार्यरत अवसंरचना उप-समिति को कैबिनेट समिति का दर्जा दिया गया है। इस समिति द्वारा अनुमोदित प्रस्तावों को अब कैबिनेट के पास अनुमोदन के लिए भेजने की आवश्यकता नहीं होगी।

अकोला स्थित दी नीलकंठ सहकारी कताई मिल को विशेष मामले के रूप में सरकारी वित्तीय सहायता देने को मंजूरी दी गई है। यह वित्तीय सहायता कताई मिल को पूर्व में दी गई वित्तीय सहायता का एकमुश्त भुगतान करने की शर्त पर दी जाएगी।

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