टीम इंडिया के सहायक कोच सीतांशु कोटक ने शुभमन गिल के लगातार प्रदर्शन को लेकर चिंताएं दूर की हैं. उन्होंने साफ किया कि टीम प्रबंधन का ध्यान मुख्य रूप से तेज गेंदबाजों के वर्कलोड पर है, बल्लेबाजों पर नहीं.
शुभमन ने हाल ही में इंग्लैंड में पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम का नेतृत्व किया था. उससे पहले, वे भारत की चैंपियंस ट्रॉफी विजेता टीम का हिस्सा थे और फिर गुजरात टाइटंस के साथ आईपीएल सीजन भी खेला. अब एशिया कप के लिए उन्हें भारत की टी20I टीम में वापस बुलाया गया है. इसके बाद, वे वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज में टीम की अगुवाई करते हुए सफेद जर्सी में लौटेंगे.
कोटक ने गिल के वर्कलोड प्रबंधन को लेकर उठ रही चिंताओं को खारिज कर दिया. उन्होंने टीम के नजरिए को स्पष्ट करते हुए कहा कि टीम का ध्यान तेज गेंदबाजों पर केंद्रित है. बल्लेबाजों पर तभी ध्यान दिया जाता है जब वे मानसिक रूप से दबाव महसूस करते हैं.
कोटक ने मीडिया से बात करते हुए कहा, मुझे नहीं पता कि आप वर्कलोड प्रबंधन को किस नजरिए से देखते हैं, लेकिन आमतौर पर हम गेंदबाजों, खासकर तेज गेंदबाजों के लिए ऐसा करते हैं. बल्लेबाजों की बात करें तो, जब उन्हें मानसिक रूप से लगता है कि क्रिकेट उनके लिए बहुत ज्यादा हो गया है, तभी यह चिंता का विषय बनता है.
कोटक ने आगे कहा, मेरे विचार से, वर्कलोड प्रबंधन असल में तेज गेंदबाजों के लिए है. बल्लेबाजों के लिए, मुझे नहीं लगता कि वर्कलोड प्रबंधन कोई बड़ी समस्या है.
अटकलें हैं कि बीसीसीआई भविष्य में शुभमन गिल को भारत के सभी प्रारूपों का कप्तान नियुक्त कर सकता है. फिलहाल वे टेस्ट टीम का नेतृत्व कर रहे हैं और वर्तमान में सफेद गेंद वाली टीमों में उप-कप्तान की भूमिका निभा रहे हैं.
गिल एशिया कप में भारत के पहले मैच में शानदार लय में दिखे, जब वे संयुक्त अरब अमीरात के खिलाफ अभिषेक शर्मा के साथ सलामी बल्लेबाज के तौर पर उतरे.
शुभमन की तकनीक में बदलाव के बारे में पूछे जाने पर, कोटक ने बल्लेबाज की अनुकूलन क्षमता पर जोर दिया. उन्होंने बताया कि वर्तमान खिलाड़ी समझते हैं कि विभिन्न प्रारूपों के लिए अपने खेल को कैसे बदलना है और अभ्यास सत्रों के दौरान लाल गेंद और सफेद गेंद वाले क्रिकेट के बीच आसानी से ध्यान केंद्रित कैसे करना है.
उन्होंने आगे कहा, आजकल, कोई भी खिलाड़ी चाहे कोई भी प्रारूप खेले, उसे लाल गेंद वाले क्रिकेट और सफेद गेंद वाले क्रिकेट के बारे में अच्छी तरह पता होता है. सफेद गेंद वाले क्रिकेट में भी, उन्हें पता होता है कि पावरप्ले और डेथ ओवरों में कैसे खेलना है.
कोटक ने कहा, बेशक, कुछ तकनीकी बदलाव करने होंगे और ये खिलाड़ी पूरी तरह जानते हैं कि क्या करना है. इसलिए, खिलाड़ी निश्चित रूप से उन बदलावों को करने की कोशिश करेंगे. एक बार जब सफेद गेंद का अभ्यास शुरू होता है, तो वे उस पर ध्यान केंद्रित करना शुरू कर देते हैं, और जब लाल गेंद का अभ्यास होता है, तो वे अपना ध्यान लाल गेंद वाले क्रिकेट पर केंद्रित कर देते हैं.
सूर्यकुमार यादव की कप्तानी में भारत का अगला मुकाबला चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से है. भारत हर हाल में इस मुकाबले को जीतना चाहेगा, क्योंकि करोड़ों लोगों की भावनाएं इससे जुड़ी हुई हैं.
A dominating show with the bat! 💪
— BCCI (@BCCI) September 10, 2025
A 9⃣-wicket win for #TeamIndia after chasing down the target in 4.3 overs. 👏👏
Scorecard ▶️ https://t.co/Bmq1j2LGnG#AsiaCup2025 | #INDvUAE pic.twitter.com/ruZJ4mvOIV
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