अयोध्या धाम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूज्य स्वामी हर्याचार्य जी महाराज की 17वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया और उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या की पावन धरा को नमन करते हुए कहा कि उन्हें यह सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। उन्होंने मॉरिशस के प्रधानमंत्री की हालिया अयोध्या यात्रा का जिक्र करते हुए बताया कि उन्हें राम मंदिर के निर्माण में लगने वाले समय के बारे में बताया गया - 500 वर्ष। संतों और भक्तों के 500 वर्षों के संघर्ष के बाद आज यह सपना साकार हुआ है।
योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या आंदोलन में संतों के योगदान को याद किया, जिन्होंने अपने जीवन, स्वास्थ्य और सुख की परवाह किए बिना, रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे के ध्येय को समर्पित कर दिया। इन्हीं संतों की साधना और तप का परिणाम है कि आज अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनकर तैयार हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूज्य स्वामी हर्याचार्य जी महाराज का सानिध्य उन्हें कई अवसरों पर मिला। उनमें श्रीराम जन्मभूमि के लिए एक अदम्य जज्बा था और सनातन धर्म की एकता के लिए उनका योगदान अविस्मरणीय है।
योगी आदित्यनाथ ने परमहंस रामचंद्र दास जी महाराज और अन्य संतों की इच्छाओं का स्मरण किया, जिनकी एकमात्र कामना अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण था। उन्होंने अपने पूज्य गुरुदेव के बारे में भी बताया, जो अपने अंतिम समय में इसी विषय पर चिंतित रहते थे और अयोध्या में रामलला को विराजमान देखने की कामना करते थे।
उन्होंने कहा कि अयोध्या, काशी, मथुरा और वे सभी धर्मस्थल जिन्हें गुलामी के कालखंड में बर्बर विदेशी आक्रांताओं ने अपवित्र किया था, अब उनका ससम्मान पुनर्प्रतिष्ठा होनी चाहिए।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राष्ट्रीय जीवन में राष्ट्रीय प्रतीकों का जो महत्व है, वही धार्मिक जीवन में आस्था के प्रतीकों का है। अयोध्या, काशी, मथुरा जैसे धर्मस्थलों की पुनर्प्रतिष्ठा सनातन धर्म का संकल्प है। उन्होंने कहा कि हर सनातनी का यह प्रण होना चाहिए कि यदि हम अपने धार्मिक प्रतीकों का सम्मान कर रहे हैं तो हमें तिरंगे और संविधान जैसे राष्ट्रीय प्रतीकों का भी सम्मान करना होगा। हमारे सैनिकों के प्रति श्रद्धा का भाव ही सच्चे सनातनी की पहचान है।
सीएम योगी ने सनातन धर्म की विशेषता बताते हुए कहा कि यह स्वर्ग को तुच्छ मानता है और मोक्ष को सर्वोच्च लक्ष्य मानता है। सन्यासियों और योगियों की पहचान यह है कि वे अपने व्यक्तिगत मोक्ष के लिए नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र के उत्थान के लिए कार्य करते हैं।
मुख्यमंत्री ने अंत में स्वामी हर्याचार्य जी महाराज के प्रति अपनी गहरी श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि उनका सानिध्य लंबे समय तक समाज को मार्गदर्शन देता रहेगा।
इस अवसर पर अनेक संतजन, महंत और जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। कार्यक्रम में श्रीमद्जगद्गुरू रामानंदाचार्य पूज्य स्वामी रामदेवेषाचार्य जी महाराज, दशरथ गद्दी के पूज्य महंत देवेन्द्र प्रसादाचार्य जी महाराज, राजकुमार दास जी महाराज, बुंदेलखंड के महंत अर्पितदास जी महाराज, जनार्दनदास जी महाराज, कृपालुदास जी महाराज, गिरीशदास जी महाराज, रामलखनदास जी महाराज, कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही, महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी, विधायक वेद प्रकाश गुप्ता सहित अत्यधिक संख्या में संत और श्रद्धालु मौजूद रहे।
*रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 12, 2025
रघुनाथाय नाथाय सीतायाः पतये नमः॥
साकेतवासी श्रीमद् जगद्गुरु रामानन्दाचार्य पूज्य स्वामी श्री हर्याचार्य जी महाराज की 17वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आज श्री अयोध्या धाम में पूज्य साधु-संतों एवं धर्माचार्यों के सान्निध्य में आयोजित श्रद्धांजलि सभा… pic.twitter.com/2eFkq9h5Lf
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