सुलगती संसद, जलती इमारतें: नेपाल की नई पीएम सुशीला कार्की के सामने कांटों भरा ताज!
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नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता के बीच सुशीला कार्की ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली है। उनके सामने निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव करवाना सबसे बड़ी चुनौती है, क्योंकि नेपाल में चुनावी धांधली की समस्याएं काफी पुरानी हैं। युवाओं को उनसे उम्मीद है कि वे चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता लाएंगी। इसके लिए उन्हें एक मजबूत चुनाव आयोग, चुनाव पर्यवेक्षक और एक निष्पक्ष मीडिया की आवश्यकता होगी।

सुशीला कार्की को नेपाल के विभिन्न जातीय और सांस्कृतिक समूहों के बीच सामंजस्य स्थापित करना होगा। चुनाव से पहले उन्हें भ्रष्टाचार मुक्त सरकार चलाकर नई सरकार के लिए एक उदाहरण पेश करना है। नेपाल में भ्रष्टाचार एक गंभीर समस्या रही है और इसके खिलाफ Gen Z ने बड़ा आंदोलन किया था। सुशीला कार्की खुद भी भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद करती रही हैं।

Gen Z आंदोलन के दौरान 51 लोगों की मौत हुई थी। सुशीला कार्की ने शपथ से पहले ही शर्त रख दी कि दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। अपने कार्यकाल में उन्हें इसे सुनिश्चित करना होगा, नहीं तो युवाओं के सवालों का सामना करना उनके लिए मुश्किल होगा।

सुशीला कार्की के सामने Gen Z से तालमेल बिठाने की भी चुनौती होगी। उन्हें अपनी बात रखने के लिए एक मंच देना होगा और उनकी समस्याओं पर ध्यान देना होगा। शिक्षा, रोजगार और सामाजिक न्याय जैसे मुद्दों को इस पीढ़ी ने जिस तरह उठाया है, उस पर ध्यान देना होगा।

नेपाल में बेरोजगारी की समस्या एक बड़ा मुद्दा रही है, और इसे हल करना एक बड़ी चुनौती है। यह खासकर युवाओं के लिए चिंता का विषय है।

सुशीला कार्की का भारत के साथ गहरा रिश्ता है। उन्होंने बीएचयू से राजनीति विज्ञान में मास्टर डिग्री ली है। भारत में लंबा वक्त गुजारा है, जहां पर उनके भारतीय मित्रों और शिक्षकों के साथ गहरे व्यक्तिगत संबंध भी बने। यही वजह है कि वे खुद को भारत का मित्र मानती हैं और उनका प्रधानमंत्री बनना भारत और नेपाल के संबंधों के लिए एक अच्छी खबर है।

सुशीला कार्की के प्रधानमंत्री बनने से भारत-नेपाल सीमा विवाद यानि लिपुलेख कालापानी, और लिम्पियाधुरा पर उनकी न्यायिक समझ के कारण भारत-नेपाल संबंधों में स्थिरता बनी रह सकती है। उनके संविधानिक दृष्टिकोण से यह उम्मीद की जा सकती है कि वे विवादों को न्यायिक तरीके से हल करने की कोशिश करेंगी।

सुशीला कार्की ने भारत के प्रधानमंत्री और दूसरे नेताओं को लेकर सकारात्मक बातें की हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने नेपाल की हमेशा मदद की है और भारतीयों की शुभकामनाओं से नेपाल को हमेशा लाभ हुआ है। इस तरह का आभार और सहयोग संकेत देता है कि वे भारत-नेपाल संबंधों में पारदर्शिता और समझ को बढ़ावा दे सकती हैं।

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