चीन के वैज्ञानिकों ने दुनिया का पहला बोन ग्लू (हड्डी का चिपकने वाला पदार्थ) विकसित किया है, जो टूटी हड्डियों को सिर्फ 2-3 मिनट में जोड़ने में सक्षम है। यह एक क्रांतिकारी खोज है जो हड्डियों के इलाज के तरीके को बदलने की क्षमता रखती है।
बोन 02 नामक यह बायोमटेरियल सीपों से प्रेरित है, जो समुद्र में चट्टानों से मजबूती से चिपके रहते हैं। वैज्ञानिकों ने इस प्राकृतिक प्रक्रिया का अध्ययन करके एक ऐसा पदार्थ बनाया है जो खून से भरे माहौल में भी हड्डियों को मजबूती से जोड़ सकता है।
यह बोन ग्लू पूरी तरह से बायोडिग्रेडेबल है, जिसका अर्थ है कि यह 6 महीने में शरीर में घुल जाता है। इससे धातु के इम्प्लांट लगाने की आवश्यकता कम हो जाएगी, जिससे मरीजों को दूसरी सर्जरी से बचाया जा सकता है।
यह ग्लू 200 किलोग्राम से ज्यादा की चिपकने की ताकत रखता है। सर्जरी के दौरान इसे लगाने से टूटी हड्डियां कुछ ही मिनटों में जुड़ जाती हैं। पुरानी विधि में जहां धातु के इम्प्लांट लगाने पड़ते थे, जिन्हें निकालने के लिए एक और सर्जरी की जरूरत होती थी, वहीं बोन ग्लू हड्डी ठीक होने पर खुद ही घुल जाता है।
बोन ग्लू को सर्जरी में लगाने से पहले यह एक चिपचिपा पदार्थ होता है। खून से भरे माहौल में भी यह मजबूती से चिपक जाता है। वैज्ञानिकों ने 50 से ज्यादा फॉर्मूले टेस्ट किए और सैकड़ों प्रयोग किए। यह बायोसेफ (शरीर के लिए सुरक्षित) है और हड्डी को ठीक होने में मदद करता है।
चीन के वेंजोउ में डॉ. लिन जियानफेंग की टीम ने इसे विकसित किया है। अब तक 150 से ज्यादा मरीजों पर इसका परीक्षण किया जा चुका है, और सभी में यह सुरक्षित और प्रभावी पाया गया है।
यह हड्डियों के टूटने, फ्रैक्चर और ऑर्थोपेडिक सर्जरी में एक क्रांति ला सकता है। इससे पारंपरिक इम्प्लांट से बचाव होगा और सर्जरी का समय कम होगा।
हर साल दुनिया भर में करोड़ों लोग हड्डी टूटने की समस्या से जूझते हैं। पारंपरिक तरीके महंगे और दर्दनाक हैं। धातु इम्प्लांट लगाने से संक्रमण या दूसरी सर्जरी का खतरा रहता है। बोन ग्लू इस समस्या का समाधान है।
चीन ने इसके लिए चीनी और अंतरराष्ट्रीय पेटेंट (PCT) के लिए आवेदन किया है। यह आविष्कार निश्चित रूप से दुनिया भर में हड्डियों के इलाज के तरीके को बदल देगा।
Chinese researchers on Tuesday unveiled their self-developed world s first “bone glue” material capable of securely bonding fractured bone fragments within 2-3 minutes in a blood-rich environment.
— China Science (@ChinaScience) September 10, 2025
Inspired by oysters, this new biomaterial, with a maximum adhesion strength of over… pic.twitter.com/7ozvRrQBP0
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