इजराइल के वित्त मंत्रालय के चीफ इकोनॉमिस्ट शमूएल अब्रामजोन ने भारत और इजराइल के बढ़ते आर्थिक संबंधों पर ज़ोर दिया है। उन्होंने अडाणी ग्रुप के हाइफा पोर्ट में निवेश को सराहा है।
अब्रामजोन ने कहा कि इजराइल में भारतीय कंपनियों के लिए निवेश के असीम अवसर हैं। दोनों देशों ने एक द्विपक्षीय निवेश समझौते (BIA) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे व्यापार और निवेश को बढ़ावा मिलेगा। यह भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक कॉरिडोर (IMEC) की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
अब्रामजोन, जो आर्थिक अनुसंधान और नीति निर्माण के लिए जिम्मेदार हैं, इजराइल की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। उनके बयान से स्पष्ट है कि इजराइल भारत को निवेश और रक्षा जैसे क्षेत्रों में एक विश्वसनीय भागीदार मानता है।
अडाणी ग्रुप का हाइफा पोर्ट में बड़ा निवेश हाल के वर्षों का सबसे महत्वपूर्ण निवेश है। जनवरी 2023 में, अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (APSEZ) ने इजराइली कंपनी गाडोट ग्रुप के साथ मिलकर हाइफा पोर्ट का 70% शेयर 1.15 बिलियन अमेरिकी डॉलर में खरीदा। यह इजराइल का सबसे बड़ा समुद्री बंदरगाह है, जो भूमध्य सागर में स्थित है। अडाणी ग्रुप ने पोर्ट की क्षमता बढ़ाने और इसे क्षेत्रीय व्यापार हब बनाने का वादा किया है।
अब्रामजोन ने इजराइल में इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में भारतीय कंपनियों के लिए उपलब्ध अवसरों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इजराइल में रेलवे परियोजनाओं में बड़े निवेश की संभावनाएं हैं। तेल अवीव मेट्रो सिस्टम में भी भारतीय कंपनियों का अनुभव उपयोगी हो सकता है। इसके अतिरिक्त, समुद्री जल को पीने योग्य बनाने की परियोजनाओं में भी भारतीय कंपनियां रुचि दिखा रही हैं।
हाल ही में हस्ताक्षरित द्विपक्षीय समझौता इन निवेशों को अतिरिक्त सुरक्षा और प्रोत्साहन प्रदान करेगा। इजराइल के वित्त मंत्री बेजालेल स्मोट्रिच ने भी पुष्टि की है कि भारतीय कंपनियां इजराइल में निवेश करते हुए पूरी तरह से सुरक्षित महसूस कर सकती हैं।
इजराइल एक छोटा देश है और बड़े पैमाने पर उत्पादन हब नहीं है, जबकि भारत तेजी से वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब बन रहा है। इजराइली तकनीक और इनोवेशन को भारत की उत्पादन क्षमता के साथ जोड़ना एक आदर्श मेल होगा। 2025 में दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग और गहरा हुआ है। इजराइल भारत का चौथा सबसे बड़ा रक्षा उपकरण आपूर्तिकर्ता है, जो भारत के कुल रक्षा आयात का 13% प्रदान करता है। इजराइल के रक्षा मंत्रालय के महानिदेशक ने दिल्ली में दीर्घकालिक रक्षा साझेदारी पर बातचीत की।
8 सितंबर 2025 को इजराइल के वित्त मंत्री की भारत यात्रा के दौरान हस्ताक्षरित द्विपक्षीय निवेश समझौता दोनों देशों के बीच निवेश को बढ़ावा देगा। यह समझौता निवेशकों को संपत्ति जब्ती से सुरक्षा, पूंजी हस्तांतरण सुविधा और नुकसान पर मुआवजा जैसे प्रावधान प्रदान करता है। वर्तमान में द्विपक्षीय निवेश सिर्फ 800 मिलियन अमेरिकी डॉलर है, लेकिन इसमें तेजी से वृद्धि की उम्मीद है। दोनों देश मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की दिशा में भी आगे बढ़ रहे हैं, जो व्यापार को और मजबूत करेगा। इजराइल से भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) 337.77 मिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है।
#WATCH | Delhi | On investment opportunities for India in Israel, Chief Economist at Israel Ministry of Finance, Shmuel Abramzon, says, Haifa port by Adani is a major investment, and we are very excited about it. Infrastructure has a lot of potential for Indian companies to… pic.twitter.com/QI8e86SPrf
— ANI (@ANI) September 8, 2025
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