ट्रंप के लाडले चार्ली कर्क का सनसनीखेज कत्ल: अमेरिका में राजनीतिक तूफान!
News Image

फ्रांस में जेन जी के लिए सोशल मीडिया बैन की चर्चा फीकी पड़ गई, क्योंकि अमेरिका में कंजरवेटिव एक्टिविस्ट चार्ली कर्क की हत्या ने पूरी दुनिया को हिला दिया। 31 वर्षीय कर्क, डोनाल्ड ट्रंप के करीबी दोस्त थे और उनकी हत्या के बाद ट्रंप ने अमेरिकी झंडे को चार दिन तक झुका कर रखने का आदेश दिया है।

कर्क की हत्या यूटा यूनिवर्सिटी में छात्रों से बातचीत के दौरान हुई। एक गोली उनके गले में लगी और अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। हत्या के कई सवाल खड़े हो गए हैं: किसने मारा? क्यों की गई हत्या? क्या यह अमेरिका में बढ़ते विभाजन का संकेत है? क्या उन्हें सिर्फ इसलिए मारा गया क्योंकि वे ट्रंप के कट्टर समर्थक थे? या उनके इस्लाम विरोधी बयान उनकी हत्या की वजह बने?

कर्क की हत्या पर अमेरिका में एक तबका दुखी है, तो दूसरा जश्न मना रहा है। इजरायल में शोक है, जबकि फिलिस्तीन और कई मुस्लिम देशों के नागरिक खुश हैं। कर्क ने भारत के विरोध में भी कई बयान दिए थे, जिनकी वजहों का विश्लेषण किया जा रहा है।

पूरी दुनिया ने देखा कि किस तरह फिल्मी अंदाज में एक प्रोफेशनल किलर ने चार्ली कर्क को खत्म कर दिया। यूटा यूनिवर्सिटी में हजारों छात्रों के सामने 100 गज की दूरी से सिर्फ एक गोली मारकर ट्रंप के करीबी की हत्या ने पूरे अमेरिका को हिला दिया है।

कार्यक्रम के एक वीडियो में, कर्क छात्रों के बीच मेक अमेरिका ग्रेट अगेन स्लोगन लिखी टोपियां फेंकते हैं। इसके बाद, वे टेंट में जाकर छात्रों से संवाद शुरू करते हैं। अचानक से एक गोली की आवाज आती है और कर्क की गर्दन नीचे की ओर गिर जाती है। मौके पर अफरातफरी मच जाती है।

सामने की बिल्डिंग के ऊपर एक संदिग्ध छिपा हुआ दिखाई दे रहा है और एक दूसरे वीडियो में हत्या के बाद सामने वाली बिल्डिंग से एक शख्स भागता हुआ दिख रहा है। क्या इसी स्नाइपर ने कर्क की हत्या की? अमेरिकी खुफिया एजेंसियां इसकी तलाश कर रही हैं।

प्रत्यक्षदर्शी बता रहे हैं कि जैसे ही कर्क ने अमेरिका में गन कल्चर, शूट आउट और गैंग हिंसा के सवाल का जवाब देकर माइक रखा, उन्हें फौरन गोली मार दी गई। ट्रंप पर भी चुनाव प्रचार के दौरान स्नाइपर शॉट से हमला किया गया था, जब उन्होंने मेक अमेरिका ग्रेट अगेन की टोपी पहन रखी थी। तब गोली उनके कान को छूते हुए निकल गई थी, लेकिन यूटा यूनिवर्सिटी में चली गोली कर्क की गर्दन के आर पार हो गई।

ट्रंप ने कर्क की हत्या का इल्जाम वामपंथी पार्टियों पर लगाया है। ट्रंप ऐसा क्यों कह रहे हैं? क्योंकि चार्ली उनकी राष्ट्रवादी विचारधारा का प्रचार कर रहे थे।

31 वर्षीय चार्ली अमेरिकन कमबैक टूर पर थे। इस कार्यक्रम का आयोजन उनके संगठन टर्निंग पॉइंट यूएसए ने किया था। इस छात्र संगठन का मकसद अमेरिकी कॉलेजों में कंजर्वेटिव विचारधारा का प्रचार-प्रसार करना है। वे पुराने रीति रिवाजों के बदलाव का विरोध करते हैं और राष्ट्र की संप्रभुता, झंडा, सेना और राष्ट्रीय पहचान के प्रति निष्ठा रखते हैं।

कर्क के दक्षिणपंथी और रूढ़िवादी विचार उन्हें ट्रंप समर्थक और लेफ्ट विरोधी बनाते थे।

कर्क ने मार्च 2024 में कहा था कि ग्रेट रिप्लेसमेंट सिर्फ एक थ्योरी नहीं, हकीकत है। उन्होंने दावा किया था कि श्वेतों की आबादी को अश्वेत आप्रवासियों से बदला जा रहा है। उन्होंने 1964 के सिविल राइट्स एक्ट की आलोचना की थी और अमेरिका में गुलामी को सभ्यता का हिस्सा बताया था। उन्होंने बर्थ कंट्रोल को महिलाओं को गुस्सैल बनाने वाला बताया था और भारत जैसे देशों से आने वाले कुशल कामगारों का विरोध किया था।

चार्ली की मौत से ट्रंप इसलिए दुखी हैं क्योंकि वे उनके एजेंडे को आगे बढ़ाने वाले थे। ट्रंप ने कहा है कि वे चार्ली के हत्यारों तक पहुंचने के लिए जमीन-आसमान एक कर देंगे। लेकिन अगर इस बार ट्रंप अपने वादे पर खरे उतरे तो ही पता चल पाएगा कि चार्ली को वामपंथियों की नफरत ने मारा या इस्लाम के विरोध की वजह से उनकी जान गई या फिर इस हत्या के पीछे कोई और वजह है।

उल्लेखनीय है कि 9/11 की बरसी पर यह घटना हुई है। कर्क भी अपने इस्लाम विरोधी बयानों और इस्लाम को आतंकवाद से जोड़ने वाले बयानों की वजह से विवादों में रहे थे। उन्होंने कहा था कि इस्लामिक आतंकवाद एक वैश्विक खतरा है और इस्लाम और पश्चिमी सभ्यता के बीच के संघर्ष का हिस्सा है। उन्होंने यह भी कहा था कि मुसलमान बड़ी संख्या में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होते हैं और इस्लाम एक राजनीतिक और धार्मिक आदर्श है जो आतंकवाद को बढ़ावा देता है। उन्होंने शरिया कानून का पालन करने वाले मुसलमानों के लिए पश्चिमी देशों में कोई जगह नहीं बताई थी।

कर्क ने गाज़ा में लोगों के मारे जाने को कभी गलत नहीं ठहराया और इज़रायल का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि गाज़ा में औरतों और बच्चों की मौत के पीछे इज़रायल की नहीं, हमास की गलती है। यही वजह है कि इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कर्क की मौत के बाद उन्हें श्रद्धांजलि दी है।

अमेरिका इस हत्या पर दो भागों में बंटा दिखाई दे रहा है। हालांकि दोनों पार्टियों यानि रिपब्लिकंस और डेमोक्रेट ने हिंसा की निंदा की है, लेकिन सोशल मीडिया पर कई अमेरिकियों ने रिएक्शन दिए कि उन्हें इसका दुख नहीं है।

कुछ अन्य वेब स्टोरीज

Story 1

क्या रोहित शर्मा कर रहे हैं ऑस्ट्रेलिया दौरे की तैयारी? अभ्यास वीडियो का सच!

Story 1

नेपाल जेन-ज़ी: अंतरिम सरकार के लिए जंग, कार्की या घीसिंग?

Story 1

राहुल गांधी की गुप्त विदेशी बैठकें: बीजेपी ने उठाए सुरक्षा उल्लंघन पर सवाल

Story 1

बिहार में मिलेगा काम, बाहर जाने की नहीं पड़ेगी जरूरत: पाटिल

Story 1

वायरल वीडियो: पाकिस्तान का पुराना वीडियो नेपाल के नाम पर फैलाया गया, दावा झूठा

Story 1

जम्मू-कश्मीर: गेट पर संजय सिंह, सामने फारुख अब्दुल्ला - राजनीतिक ड्रामा!

Story 1

एसी बंद, 2 घंटे विमान में कैद: 200 यात्रियों का दिल्ली एयरपोर्ट पर बुरा हाल

Story 1

भारत-पाक मैच से पहले अफरीदी का ज़हर: पैदा होने से साबित कर रहे हिंदुस्तानी हैं

Story 1

छत्तीसगढ़ में 10 नक्सली ढेर, गृह मंत्री शाह ने कहा- 31 मार्च से पहले लाल आतंक का खात्मा तय

Story 1

गुरुग्राम को स्वच्छता रैंकिंग में नंबर वन बनाने का लक्ष्य: मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी