अलग देश, सपने एक: मॉरीशस के लिए वाराणसी में आर्थिक पैकेज का ऐलान!
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वाराणसी में मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीन रामगुलाम के साथ द्विपक्षीय बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि भारत और मॉरीशस भले ही अलग-अलग देश हैं, लेकिन हमारे सपने एक हैं और हम एक परिवार की तरह हैं.

पीएम मोदी ने मॉरीशस को भारत की पड़ोसी प्रथम नीति (Neighbourhood First Policy) और विजन महासागर का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बताया. उन्होंने मॉरीशस के लिए एक विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा भी की.

काशी को भारत की सभ्यता और सांस्कृतिक आत्मा का प्रतीक बताते हुए उन्होंने कहा कि सदियों पहले भारतीय संस्कृति मॉरीशस पहुंची और वहां की जीवन धारा में रच-बस गई. गंगा के अविरल प्रवाह की तरह भारतीय संस्कृति का सतत प्रवाह मॉरीशस को समृद्ध करता रहा है.

प्रधानमंत्री रामगुलाम से मुलाकात को उन्होंने न केवल औपचारिक बल्कि आत्मीय मिलन बताया. उन्होंने गर्व से कहा कि भारत और मॉरीशस सिर्फ भागीदार नहीं, बल्कि एक परिवार हैं.

पीएम मोदी ने चागोस समझौते के सफल समापन पर मॉरीशस के लोगों को बधाई दी और इसे उनकी संप्रभुता की ऐतिहासिक जीत करार दिया, जिसमें भारत हमेशा उनके साथ मजबूती से खड़ा रहा.

मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में शामिल होने की बात याद करते हुए उन्होंने कहा कि उस दौरान दोनों देशों ने अपने संबंधों को एन्हांस्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया था.

पीएम मोदी ने मॉरीशस की प्राथमिकताओं को देखते हुए एक विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की. यह पैकेज इन्फ्रास्ट्रक्चर, रोजगार और स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करेगा. इस पैकेज में भारत के बाहर पहले जन औषधि केंद्र की स्थापना, आयुष सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का निर्माण, और विभिन्न अस्पतालों व स्कूलों में सहयोग शामिल है.

दोनों देशों ने व्यापार, ऊर्जा और सुरक्षा के क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई है. पिछले साल मॉरीशस में यूपीआई (UPI) और RuPay कार्ड की शुरुआत हो चुकी है. अब दोनों देश लोकल करेंसी में व्यापार को सक्षम बनाने की दिशा में काम करेंगे.

भारत मॉरीशस के एनर्जी ट्रांजिशन में भी मदद कर रहा है, जिसके तहत 100 इलेक्ट्रिक बसें दी जा रही हैं. ऊर्जा क्षेत्र में समग्र पार्टनरशिप समझौते से संबंध और मजबूत होंगे. कमारिन फॉल्स में 17.5 मेगावॉट का फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट बनाने में सहयोग देने का फैसला किया गया है.

मानव संसाधन विकास में भी दोनों देशों का सहयोग जारी रहेगा. अब तक 5 हजार से अधिक मॉरीशस के नागरिकों को भारत में प्रशिक्षण दिया गया है. 500 सिविल सेवकों को ट्रेनिंग देने का निर्णय लिया गया था, जिसका पहला बैच मसूरी में ट्रेनिंग ले रहा है.

प्रधानमंत्री ने मॉरीशस के राष्ट्रपिता सर शिवसागर रामगुलाम की 125वीं जयंती का भी जिक्र किया और उन्हें भारत-मॉरीशस के बीच संबंधों के अटूट सेतु का संस्थापक बताया. उन्होंने कहा कि उनकी जयंती दोनों देशों को अपने संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रेरित करती रहेगी.

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