नेपाल की राजधानी काठमांडू में प्रदर्शनकारियों ने शहर के विभिन्न हिस्सों में हिंसा और आगजनी की घटनाओं को अंजाम दिया। इस दौरान देश के सबसे ऊँचे हिल्टन काठमांडू होटल को आग के हवाले कर दिया गया।
सोशल मीडिया पर इस घटना का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें प्रदर्शनकारी होटल के भीतर तोड़फोड़ करते और आग लगाते दिखाई दे रहे हैं।
सरकार द्वारा सोशल मीडिया पर लगाए गए प्रतिबंधों और कथित दमनकारी नीतियों के विरोध में नेपाल के छात्रों ने हिंसक प्रदर्शन किए थे। राजधानी की कई सरकारी इमारतों, राजनीतिक नेताओं के घरों और निजी संपत्तियों पर हमले हुए। पुलिस और सुरक्षाबलों के हस्तक्षेप के बावजूद प्रदर्शनकारियों की भीड़ बेकाबू रही।
हिल्टन काठमांडू, जो नेपाल के आतिथ्य क्षेत्र की वैश्विक महत्वाकांक्षाओं का प्रतीक माना जा रहा था, इस हिंसा का सबसे बड़ा शिकार बना। आगजनी में होटल की बाहरी संरचना, शीशे की दीवारें और कई आंतरिक हिस्सों को गंभीर क्षति पहुँची है। अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है, लेकिन नुकसान की भरपाई में करोड़ों की लागत आने की संभावना जताई जा रही है।
घटना का वीडियो वायरल होते ही सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। कई उपयोगकर्ताओं ने इस घटना को नेपाल की छवि और विदेशी निवेश पर गंभीर असर डालने वाला बताया। एक यूजर ने लिखा कि अब कोई भी बहुराष्ट्रीय कंपनी नेपाल में निवेश से पहले सौ बार सोचेगी। हिल्टन का जलना सिर्फ एक होटल का नहीं, बल्कि एक उम्मीद का खत्म होना है।
वहीं एक अन्य यूजर इसे प्रदर्शनकारियों की गलती और अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारने जैसा बताया। युवाओं का गुस्सा समझना जरूरी है, लेकिन इस तरह की तबाही देश को और पीछे ले जाएगी।
पिछले साल ही बनकर तैयार हुआ यह होटल शंकर समूह द्वारा निर्मित था। 2016 में प्रस्तावित किया गया और जुलाई 2024 में आम जनता के लिए खोला गया था। करीब ₹8 अरब रुपये के निवेश से बने इस होटल में 176 कमरे, भव्य बैंक्वेट हॉल, विश्वस्तरीय स्पा और रेस्टोरेंट, और हिमालय की पर्वतमालाओं का नजारे वाला रूफटॉप बार शामिल था। होटल की डिजाइन बौद्ध संस्कृति से प्रेरित थी और इसे आधुनिक भूकंपरोधी तकनीकों से बनाया गया था ताकि आपदा के समय भी यह संरचना सुरक्षित रह सके।
Burning international brands which creates local jobs and attract foreign tourists is a sure way to anarchy.
— Rishi Bagree (@rishibagree) September 10, 2025
Next time these brands will think 10 times to enter into such countries.
When the politicians in question have resigned, there no point in burning such properties. pic.twitter.com/YZMyOXd9Aa
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