नेपाल हिंसा की आग में घिरा हुआ है. 20 लोगों की मौत और 500 से ज्यादा लोगों के घायल होने के बाद प्रधानमंत्री केपी ओली इस्तीफा दे चुके हैं. सोशल मीडिया पर बैन भी वापस ले लिया गया है. इसके बावजूद प्रदर्शन थम नहीं रहे हैं.
लोगों का गुस्सा अमेरिका पर भी फूट रहा है. सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें ओली को अमेरिकी दलाल बताते हुए प्रदर्शन किया जा रहा है.
नेपाल के चीन, भारत और अमेरिका से रिश्ते काफी पेचीदा रहे हैं. नेपाल में 240 साल पुरानी राजशाही 2008 में खत्म हुई. इन 17 वर्षों में नेपाल में 14 सरकारें बदल चुकी हैं. इनमें से अधिकतर गठबंधन सरकारें रहीं.
नेपाल की सत्ता प्रमुख रूप से केपी ओली, पुष्प कमल दहाल प्रचंड और शेर बहादुर देउबा के इर्द-गिर्द घूमती रही है. ओली का झुकाव चीन की तरफ है. शेर बहादुर देउबा पांच बार प्रधानमंत्री रह चुके हैं. प्रचंड को माओवादी समर्थक माना जाता है.
केपी शर्मा ओली का झुकाव चीन की तरफ ज्यादा समझा जाता है. ऐसे में नेपाल में जब भी असंतोष की आग भड़कती है, उसकी आंच चीन और अमेरिका तक जरूर पहुंचती है.
ओली हाल ही में चीन यात्रा से लौटे थे. चीन के बीजिंग में 3 सितंबर को 26 देशों के नेता जुटे थे. इनमें नेपाली पीएम ओली भी थे. उनकी चीनी राष्ट्रपति से हाथ मिलाने की तस्वीरें भी आई थीं.
नेपाल ने वैसे तो 25 अगस्त को ही फेसबुक, व्हाट्सऐप, इंस्टा, यूट्यूब जैसे 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बैन लगा दिया था. लेकिन प्रदर्शन की आग ओली के चीन यात्रा से लौटने के बाद भड़कनी शुरू हुई.
ओली का चीन प्रेम समय समय पर सार्वजनिक होता रहा है. ओली ने पिछले साल जुलाई में जब पीएम पद की शपथ ली थी, उसके बाद उनका पहला विदेश दौरा चीन का हुआ था. जबकि आमतौर पर नेपाल के प्रधानमंत्री शपथ लेने के बाद भारत की यात्रा करते रहे हैं.
चीन यात्रा के दौरान ओली ने बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) को लेकर चीन से समझौता किया. बदले में चीन ने 41 मिलियन डॉलर की वित्तीय सहायता दी.
अमेरिका हमेशा से दक्षिण एशिया में चीन के बढ़ते प्रभुत्व को लेकर सतर्क रुख अपनाता रहा है. ट्रंप ने कुछ समय पहले नेपाल को सड़क व ऊर्जा परियोजनाओं के लिए 500 मिलियन की मदद देने की बात कही थी. इसे चीन के बीआरआई प्रोजेक्ट की चुनौती से निपटने का प्रयास माना गया था.
नेपाल के लोग पिछले काफी समय से भ्रष्टाचार, सरकार में भाई-भतीजावाद, बेरोजगारी आदि वजहों से परेशान थे. ऐसे में जब सोशल मीडिया पर बैन लगाया गया तो 18 से 25 साल के युवाओं (जेन Z) के गुस्से की आग भड़क उठी.
ओली सरकार ने अमेरिकी सोशल मीडिया कंपनियों पर तो बैन लगाया लेकिन चीनी ऐप टिकटॉक को छोड़ दिया. हालांकि इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि टिकटॉक ने समय रहते सरकार में रजिस्ट्रेशन करा लिया था.
🚨 #Nepal की जनता ओली सरकार को किस रूप में देख रही है, विरोध प्रदर्शन के इस स्वरूप को देखिए और कैप्शन पढ़िए...#Nepalprotest #NepalProtests #genzprotests pic.twitter.com/K1FPwVUJDB
— Madhurendra kumar मधुरेन्द्र कुमार (@Madhurendra13) September 8, 2025
जेन-जेड क्रांति: संसद में आग, मंत्रियों का इस्तीफा, क्या अब PM ओली भी देश छोड़ने को तैयार?
नेपाल में तख्तापलट: क्या पड़ोसी देश श्रीलंका और बांग्लादेश के रास्ते पर?
नेपाल में आगजनी: प्रधानमंत्री, मंत्री, संसद, मॉल... युवाओं के गुस्से में सब स्वाहा!
उपराष्ट्रपति चुनाव आज: सीपी राधाकृष्णन या बी सुदर्शन रेड्डी, कौन बनेगा उप-राष्ट्रपति?
दिल्ली: सब्जी मंडी में गिरी चार मंजिला इमारत, 14 लोग बचाए गए, कई घायल
पीएम मोदी का पंजाब और हिमाचल में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वे, 3100 करोड़ की मदद का ऐलान
नेपाल में ओली का इस्तीफा: अब क्या? क्या मिलेगा नया मोहम्मद यूनुस ?
जंगली सूअर के आगे दुम दबाकर भागा तेंदुआ!
इजराइली हमले से दहला कतर, हमास नेताओं को निशाना
झटका मीट खाइए, NDA उम्मीदवार को वोट दीजिए : गिरिराज सिंह के बयान पर सोशल मीडिया पर मचे चटखारे