नेपाल में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ आंदोलन अब गंभीर रूप ले चुका है। काठमांडू समेत कई शहरों में हिंसक प्रदर्शन हुए हैं, जिनमें 18 लोगों की जान जा चुकी है और 250 से ज़्यादा घायल हैं।
बिगड़ते हालात को देखते हुए सरकार ने उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया है। गृह मंत्री रमेश लेखक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
नेपाल सरकार ने 4 सितंबर, 2025 को 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स (फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, यूट्यूब आदि) पर प्रतिबंध लगा दिया था।
9 सितंबर को काठमांडू में जेन-जी और युवाओं का प्रदर्शन हिंसक हो गया। संसद भवन परिसर में तोड़फोड़ के बाद पुलिस ने गोलियां चलाईं। इस घटना में 18 लोगों की मौत हो गई और 250 से ज़्यादा घायल हुए।
गृह मंत्री रमेश लेखक ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया। सरकार ने काठमांडू, पोखरा, बुटवल सहित 7 शहरों में कर्फ्यू लगा दिया है। 9 से 11 सितंबर तक की परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं और कई स्कूल बंद कर दिए गए हैं। देर रात सरकार ने सोशल मीडिया पर लगे प्रतिबंध आंशिक रूप से हटा दिए।
सरकार ने 4 सितंबर को फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और व्हाट्सएप सहित 26 प्लेटफॉर्म्स पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था। सरकार का तर्क था कि इन कंपनियों ने अनिवार्य पंजीकरण प्रक्रिया पूरी नहीं की। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है।
सोमवार को हजारों की संख्या में युवा संसद भवन परिसर में घुस गए। पुलिस ने रोकने के लिए आंसू गैस, वाटर कैनन और फायरिंग का इस्तेमाल किया। इस दौरान सबसे ज्यादा जनहानि हुई।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, गृह मंत्री रमेश लेखक ने कैबिनेट बैठक में इस्तीफे की घोषणा की। इस्तीफे के बाद सरकार ने सात बड़े शहरों में कर्फ्यू लागू कर दिया और सेना को सड़कों पर तैनात कर दिया।
पूर्व उप प्रधानमंत्री राजेंद्र महतो ने सोशल मीडिया बैन को गलत बताते हुए कहा कि सरकार को तुरंत वैकल्पिक समाधान निकालना चाहिए। नेपाली कांग्रेस और मानवाधिकार आयोग ने भी सरकार से संयम बरतने की मांग की है।
सूत्रों के मुताबिक, देर रात नेपाल सरकार ने फेसबुक और व्हाट्सएप जैसी प्रमुख सोशल मीडिया साइटों को आंशिक रूप से चालू कर दिया है। हालांकि, आधिकारिक घोषणा अभी बाकी है। जांच समिति अगले 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी, जिसमें हिंसा, पुलिस कार्रवाई और मौतों के कारणों की पड़ताल की जाएगी।
#WATCH | Nepal: People in Kathmandu stage a massive protest against the government over alleged corruption and the recent ban on social media platforms, including Facebook, Instagram, WhatsApp and others.
— ANI (@ANI) September 8, 2025
At least 18 people have died and more than 250 people have been injured… pic.twitter.com/zz0mLm5VQ6
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