पितृपक्ष 2025: गयाजी में उमड़ा जनसैलाब, 5500 पुलिस और ड्रोन से अभेद्य सुरक्षा
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बिहार के गया में पितृपक्ष महासंगम 2025 का भव्य शुभारंभ शनिवार को हुआ. पारंपरिक मंत्रोच्चार और धार्मिक अनुष्ठानों के साथ त्रिपाक्षिक पिंडदान प्रारंभ हुआ. फल्गु नदी और विष्णुपद मंदिर परिसर में श्रद्धालु अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए आहुतियां देने लगे. मान्यता है कि गया में पिंडदान करने से आत्मा को मोक्ष प्राप्त होता है, इसीलिए यह मेला देश-विदेश के तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है.

श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने इस बार 5500 से अधिक पुलिस जवानों की तैनाती की है, जिनमें बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस (बीएसएपी) की 15 कंपनियां शामिल हैं. विष्णुपद मंदिर, पुनपुन घाट और सभी पिंड वेदियों पर कड़ी चौकसी बरती जा रही है. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आनंद कुमार ने कहा, सुरक्षा व्यवस्था इतनी मजबूत है कि परिंदा भी पर नहीं मार सकेगा. सभी पुलिसकर्मी पूरी मुस्तैदी से काम करेंगे.

पूरे मेला क्षेत्र में निगरानी के लिए 150 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. कंट्रोल रूम में 24 घंटे पुलिस और डिजिटल विशेषज्ञ नजर रखेंगे. ड्रोन और वीडियोग्राफी के माध्यम से भी हर गतिविधि पर पैनी नजर रखी जाएगी. भीड़भाड़ वाले इलाकों और संदिग्ध व्यक्तियों पर नजर रखने के लिए सादे कपड़ों में पुलिसकर्मियों को भी तैनात किया गया है.

मेले में एक अस्थाई थाना स्थापित किया गया है, जहां पुरुष और महिला पुलिस बल दोनों तैनात हैं. थाने में अध्यक्ष से लेकर इंस्पेक्टर रैंक तक के अधिकारी ड्यूटी पर रहेंगे. इसके साथ ही रेलवे स्टेशन, बस अड्डे और प्रमुख घाटों पर हेल्प डेस्क बनाए गए हैं ताकि श्रद्धालुओं को समय पर जानकारी और सहायता मिल सके.

जिला प्रशासन ने पूरे मेला क्षेत्र को 17 सुपर जोन, 43 जोन और 324 सेक्टर में बांटा है. हर सेक्टर में दंडाधिकारी, पुलिस अधिकारी और महिला पुलिस बल मौजूद हैं. जिला पदाधिकारी शशांक शुभंकर ने कहा, तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और सुविधा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. सभी सेक्टरों में पर्याप्त बल और अधिकारी तैनात हैं.

गया में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए यातायात प्रबंधन सबसे बड़ी चुनौती है. इसके लिए वन-वे ट्रैफिक, पार्किंग जोन और पब्लिक एड्रेस सिस्टम की व्यवस्था की गई है. रेलवे स्टेशन और आसपास के क्षेत्रों में आरपीएफ और जिला पुलिस का फ्लैग मार्च जारी है. यात्रियों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त पुलिस बल भी तैनात है.

प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कई इंतजाम किए हैं. तालाबों और नदी किनारे बैरिकेडिंग, साइन बोर्ड, गोताखोर और एसडीआरएफ की टीम लगाई गई है. दुर्घटना की स्थिति से निपटने के लिए लाइफ जैकेट और मेडिकल टीमें भी मुस्तैद हैं. एडीजी लॉ एंड ऑर्डर पंकज दराद ने बताया, 395 पुलिस पदाधिकारी, 1600 कॉन्स्टेबल और 800 होमगार्ड जवान मेले में ड्यूटी पर हैं. इसके अलावा बीएसएपी की पांच कंपनियां भी तैनात की गई हैं.

गया और पुनपुन दोनों जगहों पर श्राद्ध और तर्पण का विशेष महत्व है. माना जाता है कि यहां पिंडदान से पितरों को शांति मिलती है और परिवार पर पुण्य की वर्षा होती है. यही कारण है कि लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से यहां आते हैं. इस बार प्रशासन ने न केवल सुरक्षा बल्कि श्रद्धालुओं की सुविधाओं और भीड़ प्रबंधन पर भी पूरा जोर दिया है. पब्लिक एड्रेस सिस्टम से लगातार घोषणाएं की जा रही हैं और हेल्प डेस्क यात्रियों को हर संभव सहयोग दे रहे हैं.

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