बागेश्वर धाम के प्रमुख पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपने विदेश दौरों और निजी जीवन पर खुलकर बात की है। एक इंटरव्यू में उन्होंने युगांडा यात्रा, महंगे चश्मे और आलोचकों पर बेबाकी से अपनी राय रखी।
हाल ही में युगांडा से लौटे शास्त्री ने बताया कि वहां की संस्कृति और मानवता बेहद खास है, लेकिन भारत में कुछ लोग उनसे असहज महसूस करते हैं। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि युगांडा के प्रधानमंत्री ने उन्हें मठ बनाने के लिए आमंत्रित किया है, जो एक महत्वपूर्ण पहल है।
युगांडा दौरे के बारे में बताते हुए शास्त्री ने कहा कि वहां की प्रकृति हरी-भरी है और संस्कृति समृद्ध, लेकिन आर्थिक स्थिति उतनी मजबूत नहीं है। उन्होंने एक दिलचस्प बात यह भी बताई कि युगांडा में शादी में दहेज के रूप में पैसे की जगह गाय दी जाती है, जो उन्होंने पहले कभी नहीं देखा। उन्होंने गर्व से कहा कि दूसरे धर्मों के लोग भी सनातन के मठ बनाने के लिए उन्हें बुला रहे हैं, जबकि भारत में कुछ लोग उनकी उपस्थिति से असहज हैं।
ऑस्ट्रेलिया में महंगे चश्मे पहनने को लेकर उठे सवालों पर शास्त्री ने कहा कि वे हर जगह एक जैसे हैं। सन्यास का मतलब यह नहीं कि सुविधाओं से दूर रहा जाए। उन्होंने कहा, हम जो भारत में हैं वहीं हर कहीं हैं... सबकी नजर ऑस्ट्रेलिया में पड़ गई। हमने सन्यास धारण किया है, कोई कुछ दे दे तो हमने कभी मना नहीं किया... बशर्ते वह गलत न हो। आंखों की सुरक्षा के लिए कोई चश्मा दे दे तो बुरा क्या है? हमने कभी नहीं कहा कि हम त्यागी हैं, बाबा हैं, सन्यासी हैं या वैरागी हैं। हम भी बाकी मनुष्यों की तरह ही हैं। बस इतना परहेज है कि समाज पर गलत प्रभाव न पड़े। चश्मा सुरक्षा के लिए लगाते हैं तो लगा लिया।
उन्होंने आगे कहा, जब इस देश में नाचने वाले करोड़ों का चश्मा लगाते हैं, फूहड़ता फैलाने वाले अरबों की गाड़ियों में घूम सकते हैं, तो अगर कोई साधु सुरक्षा के लिए चश्मा पहन ले तो इसे अपराध नहीं माना जाना चाहिए।
शास्त्री ने यह भी साफ किया कि उन्होंने कभी खुद को बाबा , सन्यासी या वैरागी नहीं बताया। वे सामान्य मनुष्य की तरह ही हैं, बस इस बात का ध्यान रखते हैं कि उनके आचरण से समाज पर कोई बुरा असर न पड़े।
विवादों और आलोचनाओं पर बोलते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि वे जानते हैं कि वे कुछ गलत नहीं कर रहे हैं। उन्हें सिर्फ इस बात की चिंता रहती है कि उनके प्रियजनों और सनातन धर्म को मानने वालों को ठेस न पहुंचे। आलोचकों पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, जिन्हें रतौंधी की बीमारी है, उनसे हमें फर्क नहीं पड़ता।
*#WATCH | विदेशी यात्रा और महंगे चश्मे को लेकर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने क्या बताया?
— ABP News (@ABPNews) September 6, 2025
चर्चा With चित्रा में देखिए धीरेन्द्र शास्त्री का EXCLUSIVE इंटरव्यू@chitraaum | https://t.co/smwhXURgtc #ChitraTripathiOnABP #CharchaWithChitra #DhirendraKrishnaShastri pic.twitter.com/30YZA4cVcH
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