क्या चीनी व्यवसायी के इशारे पर नाच रहे हैं डोनाल्ड ट्रंप?
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डोनाल्ड ट्रंप, जो भारत पर मनमाना टैरिफ लगाने के लिए जाने जाते हैं, क्या चीन के खिलाफ कार्रवाई करने में असमर्थ हैं? इसकी एक बड़ी वजह एक चीनी व्यवसायी हो सकता है, जिसने ट्रंप की कमजोर नब्ज पकड़ ली है।

जस्टिन नाम का यह व्यवसायी ट्रंप के सबसे करीबी लोगों में से एक है। ट्रंप उसे डिनर पर बुलाते हैं, उनके बेटे उसके साथ मंच साझा करते हैं, और ट्रंप उसके प्रशंसक हैं। आखिर इस चीनी व्यवसायी में ऐसा क्या है कि पूरी ट्रंप फैमिली उसकी मुरीद है?

यह कहानी क्रिप्टो से जुड़ी है। पिछले साल, अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले, वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल (WLF) नाम की क्रिप्टोकरेंसी कंपनी शुरू की गई थी, जिसका संबंध ट्रंप और उनके परिवार से है।

ट्रंप को WLF में चीफ क्रिप्टो एडवोकेट और को-फाउंडर एमेरिटस जैसे पद दिए गए हैं। उनके बेटे एरिक ट्रंप और डॉनल्ड ट्रंप जूनियर सक्रिय रूप से कंपनी के प्रबंधन में शामिल हैं और वे कंपनी के एंबेसडर हैं। ट्रंप के करीबी स्टीव विटकॉफ के बेटे जैक विटकॉफ कंपनी के को-फाउंडर और CEO हैं। कई अलग-अलग कंपनियों के ज़रिए ट्रंप परिवार का WLF पर नियंत्रण है।

शुरुआत में WLF में ट्रंप परिवार का हिस्सा 60% था, जो अब घटकर 40% हो गया है, लेकिन नियंत्रण अभी भी बना हुआ है। WLF के टोकन सेल्स से 75% रेवेन्यू ट्रंप परिवार को मिलेगा, जबकि भविष्य के ऑपरेशनल रेवेन्यू से 60% हिस्सा भी उन्हें मिलेगा। 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप की जीत के बाद कंपनी की बिक्री में ज़ोरदार बढ़ोतरी हुई है, क्योंकि अब ट्रंप ही क्रिप्टो कारोबार के लिए कानून तय करेंगे।

अब बात करते हैं ट्रंप के क्रिप्टो कारोबार के चाइनीज कनेक्शन की। चीनी मूल के अरबपति कारोबारी जस्टिन सन ने ट्रंप की कंपनी वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल में निवेश किया है, जिसने डोनाल्ड ट्रंप को अपने वश में कर लिया है।

35 साल के जस्टिन सन क्रिप्टो प्लैटफॉर्म ट्रॉन के फाउंडर हैं और उन्हें क्रिप्टो किंग भी कहा जाता है। उन्होंने वर्ल्ड लिबर्टी फाउंडेशन के टोकन में 75 मिलियन डॉलर (661 करोड़ रुपये) का निवेश किया है। शुरुआत में 30 मिलियन डॉलर और फिर ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद 45 मिलियन डॉलर का निवेश किया। इसके बदले में जस्टिन सन को वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल का एडवाइजर बनाया गया।

जनवरी में, अमेरिका की स्वतंत्र एजेंसी सिक्युरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने जस्टिन और उनकी कंपनियों के ख़िलाफ धोखाधड़ी के एक मामले में जांच रोक दी। जस्टिन के पैसा लगाने और उसके बाद SEC की तरफ़ से जांच रोकने के फैसले ने हितों के टकराव को लेकर ट्रंप पर सवाल खड़े कर दिए।

मई में जस्टिन को ट्रंप के साथ एक स्पेशल डिनर में बुलाया गया, जहां उन्हें 1 लाख डॉलर की ट्रंप ब्रांडेड टूरबिलन घड़ी गिफ्ट के तौर पर दी गई। जस्टिन सन इस साल दुबई और हॉन्ग कॉन्ग में ट्रंप के दूसरे बेटे एरिक ट्रंप के साथ वर्ल्ड लिबर्टी के क्रिप्टो इवेंट में मंच भी साझा कर चुके हैं।

2024 से पहले ट्रंप क्रिप्टो करेंसी की ज़ोरदार आलोचना करते थे, लेकिन पिछले साल वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल की शुरुआत करने से ठीक पहले क्रिप्टो को लेकर उनकी सोच बदल गई। ट्रंप का यह बदलाव उनके कैंपेन के लिए क्रिप्टो इंडस्ट्री से लाखों डॉलर की फंडिंग के साथ हुआ।

ट्रंप की क्रिप्टो डील चीनी बिजनेसमैन के साथ-साथ पाकिस्तान से भी हुई है। अप्रैल 2025 में वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल ने पाकिस्तान के साथ एक बड़ी क्रिप्टो डील साइन की, जिसका मकसद पाकिस्तान को दक्षिण एशिया का क्रिप्टो सेंटर बनाना है। यह समझौता पहलगाम हमले के सिर्फ 4 दिन बाद हुआ था।

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन का कहना है कि इसी समझौते की वजह से ट्रंप भारत के बदले पाकिस्तान का पक्ष ले रहे हैं। शायद इसी डील का असर है कि अमेरिकी सेना ने पाकिस्तान में बाढ़ राहत के काम में मदद के लिए अपना विमान भेजा है। सवाल यह भी उठ रहे हैं कि कहीं बाढ़ राहत के नाम पर अमेरिकी सेना पाकिस्तान की मदद के लिए तो नहीं पहुंची है।

WLF के टोकन की ट्रेडिंग 1 सितंबर से शुरू हुई, और ट्रंप परिवार की हिस्सेदारी की वैल्यू 5 अरब डॉलर (लगभग 440 अरब रुपये) हो गई है। यह स्थिति उस समय है जब लाखों अमेरिकी नागरिक महंगाई से जूझ रहे हैं और रेटिंग एजेंसी मूडीज़ ने मंदी आने की आशंका जताई है।

न्यूयॉर्क टाइम्स ने ट्रंप की आलोचना करते हुए लिखा कि WLF ने प्राइवेट कारोबार और सरकारी नीतियों के बीच की सीमा को इस तरह खत्म किया जिसका आधुनिक अमेरिका के इतिहास में कोई उदाहरण नहीं है। जस्टिन सन के साथ संबंधों को लेकर आलोचना के बाद, वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल ने जस्टिन के टोकन को फ्रीज कर दिया है। यह कार्रवाई दिखावे के लिए भी हो सकती है ताकि लोग उन्हें चीन से नहीं जोड़ें।

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