राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के अवसर पर कहा कि शिक्षा व्यक्ति के सम्मान और सुरक्षा के लिए उतनी ही ज़रूरी है जितना भोजन, कपड़ा, और मकान। उन्होंने यह बात नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में कही, जहाँ उन्होंने देशभर के 45 शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए।
राष्ट्रपति मुर्मू ने ज़ोर देते हुए कहा कि समझदार शिक्षक बच्चों में सम्मान और सुरक्षा की भावना जगाते हैं। उन्होंने एक शिक्षक के रूप में बिताए अपने समय को याद करते हुए कहा कि यह दौर उनके जीवन का सबसे महत्वपूर्ण समय था।
राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा व्यक्ति को सक्षम बनाती है, और गरीब पृष्ठभूमि के बच्चे भी शिक्षित होकर उन्नति के शिखर तक पहुँच सकते हैं। उन्होंने कहा कि स्नेही और समर्पित शिक्षक बच्चों की उड़ान को शक्ति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। शिक्षकों के लिए सबसे बड़ा पुरस्कार यह है कि उनके छात्र उन्हें जीवन भर याद रखें और परिवार, समाज और देश के लिए योगदान दें।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि छात्रों का चरित्र निर्माण एक शिक्षक का प्राथमिक कर्तव्य है। नैतिक आचरण वाले, संवेदनशील, और समर्पित छात्र, मात्र किताबी ज्ञान और स्वार्थ में रुचि रखने वाले छात्रों से बेहतर होते हैं। एक अच्छे शिक्षक में भावनाएं और बुद्धि दोनों होती हैं, और यह समन्वय छात्रों को भी प्रभावित करता है।
राष्ट्रपति ने स्मार्ट शिक्षक के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि स्मार्ट क्लासरूम और आधुनिक सुविधाओं का महत्व है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण स्मार्ट शिक्षक हैं जो छात्रों की जरूरतों को समझते हैं और पढ़ाई को रोचक बनाते हैं। ऐसे शिक्षक छात्रों को समाज और राष्ट्र की आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम बनाते हैं।
राष्ट्रपति मुर्मू ने बालिकाओं की शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि बालिकाओं की शिक्षा में निवेश करके, हम परिवार, समाज, और राष्ट्र के निर्माण में एक अमूल्य निवेश करते हैं। बालिकाओं को बेहतर शिक्षा प्रदान करना महिला-नेतृत्व विकास को बढ़ावा देने का सबसे प्रभावी तरीका है। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के विस्तार और वंचित वर्ग की बालिकाओं के लिए विशेष शिक्षा सुविधाओं पर जोर दिया, लेकिन शिक्षा से जुड़ी किसी भी पहल की सफलता शिक्षकों पर निर्भर करती है।
उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया कि वे लड़कियों सहित उन सभी छात्रों पर ध्यान दें जो शर्मीले हैं या कम सुविधा प्राप्त परिवारों से आते हैं। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि लड़कियों की शिक्षा में योगदान देकर शिक्षक अपने जीवन को सार्थक बना सकते हैं।
‘आचार्य देवो भव’ की हमारी प्राचीन परंपरा के अनुसार, शिक्षक को सर्वाधिक महत्व देने के उनके उदात्त विचार के लिए, मैं सभी देशवासियों की ओर से, डॉक्टर राधाकृष्णन जी की पावन स्मृति को सादर नमन करती हूं। pic.twitter.com/7B6s36FcG9
— President of India (@rashtrapatibhvn) September 5, 2025
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